UP Assembly : परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी ने विपक्ष को बनाया कूप मंडूक, सीएम योगी ने बताया PDA का मतलब
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 24 घंटे का नॉन स्टॉप सेशन जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में चर्चा का जवाब दे रहे हैं। सीएम योगी विकसित यूपी-2047 के विजन डॉक्यूमेंट पर बोल रहे हैं, इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी जाएगी।
सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी सदन में अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के शासनकाल की तुलना अपनी सरकार के 2017 से 2025 तक के कार्यकाल से की और विपक्ष पर परिवारवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के 'पीडीए' नारे को 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' करार देते हुए उनकी सीमित सोच पर तंज कसा।
बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ ही समावेशी विकास का मंत्र
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में समावेशी और समग्र विकास को उत्तर प्रदेश और भारत के विकास का आधार बताया। उन्होंने कहा, "हर विधानसभा क्षेत्र में विकास होना चाहिए और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सभी तक पहुंचना चाहिए। समावेशी विकास ही 'विकसित यूपी' और 'विकसित भारत' की संकल्पना को साकार कर सकता है।" उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी चर्चा में विकास कम और सत्ता की चाहत ज्यादा दिखती है।
विपक्ष को बतायाा 'कूप मंडूक'
मुख्यमंत्री ने चार्वाक का उदाहरण देते हुए विपक्ष को उनकी परिवारवादी सोच के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आप केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। आपका 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' का दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद के 'कूप मंडूक' दर्शन को चरितार्थ करता है। दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, लेकिन आप अभी भी परिवार तक सीमित हैं।
बीमारू राज्य और नीतिगत उदासीनता का शिकार हो गया था यूपी
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के अतीत की कड़वी सच्चाई को सामने रखते हुए कहा कि 1960 के बाद से राज्य लगातार गिरावट की ओर बढ़ा। उन्होंने कहा कि विशाल सामर्थ्य, उपजाऊ भूमि, नदियां और श्रमशक्ति होने के बावजूद नीतिगत उदासीनता के कारण यूपी 1980 के दशक के बाद देश का सबसे बीमारू राज्य बन गया। योजनाएं बनती थीं, घोषणाएं होती थीं, लेकिन न इच्छाशक्ति थी और न ही क्रियान्वयन का संकल्प।
उन्होंने उस दौर की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, किसानों को राहत नहीं थी और निवेशकों में भरोसे की कमी थी। अपराध और अराजकता का बोलबाला था। पलायन, गरीबी, इन्सेफलाइटिस और डेंगू जैसी बीमारियों से होने वाली मौतें, भ्रष्टाचार, भेदभाव और भाई-भतीजावाद ने यूपी को जकड़ रखा था।
2017 के बाद यूपी का हुआ कायाकल्प
मुख्यमंत्री ने 2017 के बाद डबल इंजन सरकार के तहत हुए बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ। अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया और यूपी निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया। योजनाओं का क्रियान्वयन बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के हो रहा है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि आज यूपी की पहचान सुशासन से है। बेहतर कानून व्यवस्था, मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकार की सकारात्मक सोच ने यूपी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
आर्थिक प्रगति के आंकड़ों के जरिए पेश की यूपी की नई तस्वीर
मुख्यमंत्री ने यूपी की आर्थिक प्रगति के प्रभावशाली आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपये से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है। निर्यात 84 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपये हो गया है और राज्य का बजट 3 लाख करोड़ से बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। नीति आयोग के फिसिकल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है। डिजिटल लेनदेन 122 करोड़ रुपये से बढ़कर 1400 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी बीमारू राज्य से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बनने की ओर अग्रसर है।
भारत अपनी सामर्थ्य और शक्ति का परिचय दुनिया को दे रहा
मुख्यमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 1947 में भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन 1980 तक यह 11वें स्थान पर खिसक गया। 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की और 2017 में सातवें, 2024 में पांचवें और 2025 में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आपने छठी अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान तक पहुंचा दिया था, लेकिन आज भारत अपनी सामर्थ्य और शक्ति का परिचय दुनिया को दे रहा है।
देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन रहा यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में देश की 16 फीसदी आबादी निवास करती है, लेकिन 2016-17 तक राष्ट्रीय जीडीपी में उसकी हिस्सेदारी 14 फीसदी से घटकर 8 फीसदी रह गई थी। प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में एक तिहाई रह गई थी। लेकिन 2017 के बाद यूपी ने कोविड महामारी के बावजूद राष्ट्रीय औसत से बेहतर आर्थिक विकास दर हासिल की। मुख्यमंत्री ने यूपी को विकास और सुशासन का मॉडल बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि यूपी अब केवल भारत का एक हिस्सा भर नहीं, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन रहा है। निवेशकों का भरोसा, युवाओं को रोजगार, किसानों को राहत और आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएं यूपी की नई पहचान हैं। उन्होंने सदन से अपील की कि सभी विधायक अपने क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए एकजुट होकर काम करें, ताकि यूपी और भारत के विकास का सपना साकार हो सके।
2017 से पहले अपराध का बोल-बाला था
2017 तक योजनाओं का लाभ नहीं, युवाओं को रोजगार नहीं, किसानों को राहत नहीं और निवेशकों को भरोसा नहीं। अपराध का बोल-बाला था। पलायन की पीड़ा, गरीबी और इलाज के आभाव में दम तोड़ते बच्चे, सरकारी नौकरी में भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद कल्चर यूपी में हावी था। 2017 के बाद डबल इंजन की सरकार ने कानून का राज स्थापित किया। सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष पर सीधा तंज कसते हुए कहा कि “हमारे नेता प्रतिपक्ष बुजुर्ग हैं, जब खुद से बोलते हैं तो थोड़ा सही बोल लेते हैं, लेकिन बोलते-बोलते बात मुर्गे तक पहुंच जाती है। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि इनकी सोच कुएं के मेंढक की तरह है।
मुख्यमंत्री योगी ने की विपक्ष की तारीफ
लगातार 24 घंटा चर्चा चलने के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन सदन में शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश पर पिछले 24 घंटे से अनवरत चर्चा चल रही है। मैं उन सभी माननीय सदस्यों का आभारी हूं जिन्होंने इस चर्चा में भाग लिया। सभी 187 सदस्यों का आभारी हूं जिन्होंने चर्चा में भाग लिया।
सुबह लगभग छह बजकर 15 मिनट पर राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सभापति से सदस्यों के बोलने का समय चार मिनट तक सीमित करने का आग्रह किया, क्योंकि बड़ी संख्या में विधायक अब भी विशेष चर्चा में भाग लेने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।
‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ विषय पर आयोजित विशेष चर्चा बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई और रात भर चर्चा जारी रही। इस सत्र का आयोजन विधानसभा के जारी मानसून सत्र के तहत हो रहा है। यह चर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प से प्रेरित है।
पीएम मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प जताया था। बुधवार रात को चर्चा के दौरान, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने 2047 की योजनाओं पर चर्चा की प्रासंगिकता पर सवाल उठाने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल वो नेता जो भावी पीढ़ियों के कल्याण के बारे में सोचते हैं, वे ही भविष्य की नींव रख सकते हैं, न कि वे जो केवल अगला चुनाव जीतने के बारे में सोचते हैं।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दशकों आगे की सोच रखने वाले ‘‘राष्ट्र नेता’’ हैं। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि 2047 में विकसित भारत के निर्माण के संकल्प में उत्तर प्रदेश की भूमिका पर चर्चा करने के अवसर को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लिया जाना चाहिए।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान ने बताया कि राज्य में 96 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हैं, जो कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है और लगभग दो करोड़ परिवारों को रोजगार प्रदान करता है।
विपक्षी दलों की ओर से, समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पल्लवी पटेल ने तर्क दिया कि दृष्टिकोण को केवल शीर्ष रैंकिंग या प्रमुख आर्थिक मानकों के पीछे भागने के बजाय व्यापक और सतत विकास पर केंद्रित होना चाहिए।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह प्रगति में बाधा डालती है। उन्होंने कहा कि वास्तविक विकास के लिए वैज्ञानिक, तर्कसंगत सोच आवश्यक है।
पटेल ने भारत के आशा से कम विकास और जापान के विकास की तुलना करते हुए कहा कि बुद्ध भारत की धरती से हैं लेकिन जापान ने बौद्ध सिद्धांतों का पालन करके बेहतर विकास किया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘हम विकास के नाम पर गाय और गोमूत्र की बात कर रहे हैं।’’
भाजपा विधायक प्रदीप शुक्ला और सपा सदस्य प्रभु नाथ यादव एवं जियाउद्दीन रिजवी सहित दोनों पक्षों के वक्ताओं ने लंबी चर्चा में योगदान दिया। आदित्यनाथ और विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे के बृहस्पतिवार को बाद में सदन को संबोधित करने की उम्मीद है।
इससे पहले चर्चा के दौरान योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद की विरोधियों पर की गई टिप्पणी से जोरदार हंगामा हो गया। विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा के दौरान संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी के टोका टोकी के बीच में बयान दिया। नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बयान का विरोध किया जिसके बाद हंगामा इतना बढ़ा कि समाजवादी पार्टी के विधायक वेल में आ गए और स्पीकर को माइक बंद करवाना पड़ गया।
मॉनसून सत्र का आज चौथा दिन
यूपी विधानसभा का मॉनसून सत्र तीन दिन पहले ही शुरू हुआ है। इसका आज चौथा दिन है। सदन में बुधवार सुबह 11 बजे विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्युमेंट 2047 पर लगातार 24 घंटे की चर्चा जारी है।
आशीष पटेल ने शिक्षा विभाग का विजन पेश किया
शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने चर्चा के दौरान विभाग का विजन पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छात्र-छात्राओं को अच्छी तकनीकी शिक्षा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने पर विचार करेगी। इसके साथ ही बच्चों पर फीस का बोझ न आए इसके लिए फीस फाइनल होगी।
बेसिक शिक्षा विभाग का एक भी स्कूल नहीं होगा बंद
योगी सरकार ने कल साफ कर दिया है कि यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग का एक भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने ये भी बताया कि जिन स्कूलों में पचास के कम बच्चे हैं उनके लिए क्या फॉर्मूला है। समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि जिन स्कूलों में पचास से कम बच्चे हैं, उन स्कूलों को योगी सरकार बंद कर रही है। इसे लेकर विधानसभा में सवाल पूछा गया तो शिक्षा मंत्री ने स्थिति साफ कर दी।
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