मुरादाबाद: 28 घंटे बाद नदी से बरामद हुआ सिपाही का शव, पुलिस लाइन में दी गई सलामी
मुरादाबाद, अमृत विचार। जनपद के डिलारी थाना क्षेत्र के गांव बढ़ेरा में रामगंगा तेली घाट पर डूबे सिपाही मोनू कुमार का शव बुधवार को 28 घंटे के बाद सुबह 6 बजे मिल गया। पैर फिसलने के बाद सिपाही जिस स्थान पर डूबे थे वहां दलदल थी। दलदल में फंसने के चलते वह ऊपर नहीं आ सके। पुलिस ने बुधवार को शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद शव पुलिस लाइंस स्थित शहीद स्मारक स्थल पर लाया गया। जहां पर डीआइजी मुनिराज जी, एसएसपी सतपाल अंतिल समेत अन्य अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी।
गाजियाबाद के थाना लोनी बार्डर अंतर्गत गांव बेहटा हाजीपुर निवासी मोनू कुमार पुत्र चंद्रसेन यूपी पुलिस में वर्ष 2018 में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। सोमवार की रात वह कांस्टेबल अमरपाल के साथ रात्रि ड्यूटी पर थे। सोमवार की रात लगभग 2 बजे उन्हें सूचना मिली की रामगंगा नदी के तेली घाट पर कुछ मछुआरे मछली पकड़ रहे हैं। इस समय रामगंगा में पानी का बहाव तेज हैं। कोई हादसा न हो इसलिए दोनों सिपाही तेली घाट पर पहुंच गए। मछुआरों ने जाल लगा रखा था। मछुआरों को वहां से हटाकर सिपाही मोनू कुमार जाल निकालने लगे।
जैसे ही वह रामगंगा नदी के किनारे जाल निकालने के लिए पहुंचे तो उनका पैर फिसल गया और वह डूबने लगे। साथी ने यह देख शोर मचाते हुए मदद करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ ही देर में मोनू डूब गए थे। सुबह लगभग 6 बजे सिपाही जहां डूबे थे, उससे लगभग 10 मीटर आगे मिल गया। शव को देख सिपाही के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिसकर्मी उन्हें संभालते हुए नजर आए।
इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद लगभग दो बजे शव को पुलिस पुलिस लाइंस स्थित शहीद स्मारक स्थल पर लेकर पहुंची। यहां पर डीआइजी मुनिराज जी, एसएसपी सतपाल अंतिल, एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह, एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह, एसपी यातायात सुभाषचंद्र गंगवार समेत सभी सीओ ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सिपाही को सलामी दी गई। पुलिस ने सिपाही के शव को वाहन से उसके गांव भेज दिया। अंतिम संस्कार के दौरान सलामी देने के लिए पुलिस की एक टुकड़ी साथ में गई है।
बुधवार को अंधेरा छटते ही शुरू हो गया था सर्च अभियान
अधिकारियों ने सिपाही की तलाश के लिए एसडीआरएफ, पीएसी के गोताखोरों के अलावा स्थानीय गोताखोरों की टीमों को नदी में तलाश के लिए उतार दिया था। मंगलवार की रात लगभग 8 बजे तक जब सिपाही नहीं मिला तो सर्च आपरेशन रोक दिया गया था। बुधवार को अंधेरा जैसे ही छटा तो फिर से गोताखोरों को रामगंगा में उतार दिया।
