'खूनी' को मिली नई पहचान, अब बना 'देवीग्राम'... उत्तराखंड के ग्रामीणों में उत्साह का माहौल

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

पिथौरागढ़, अमृत विचारः उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक गांव को नया नाम देकर उसकी पहचान बदल दी गई है, जिससे स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यह बदलाव गांववासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग का परिणाम है, जो अपने गांव के पुराने नाम से असहज थे। पहले इस गांव का नाम 'खूनी गांव' था, जिसे अब 'देवीग्राम' के रूप में जाना जाएगा। इस नामकरण में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा की अहम भूमिका रही है।

अजय टम्टा की पहल से बदली गांव की तस्वीर

अजय टम्टा ने इस बदलाव के लिए कई मंत्रालयों के साथ मिलकर काम किया और गांववासियों की भावनाओं को प्रशासन तक पहुंचाया। उनकी मेहनत और समर्पण से ही यह संभव हो सका कि गांव को उसका नया नाम 'देवीग्राम' मिला। इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए टम्टा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, "ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, पिथौरागढ़ के 'खूनी' गांव का नाम बदलकर 'देवीग्राम' करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।" उन्होंने इस प्रक्रिया में अपनी और अपनी टीम की ओर से किए गए अथक प्रयासों का भी जिक्र किया।

कई मंत्रालयों से लिया गया अनुमोदन

अजय टम्टा ने बताया कि गांव का नाम बदलना कोई आसान काम नहीं था। इसके लिए उनके कार्यालय ने पिछले एक साल में छह अलग-अलग मंत्रालयों के साथ समन्वय स्थापित किया और आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किए। इस प्रक्रिया में उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और ग्रामीणों के प्रति उनकी संवेदनशीलता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

'खूनी' नाम से थी नकारात्मक छवि

ग्रामीणों का कहना था कि 'खूनी' नाम उनके गांव को नकारात्मक छवि देता था, जिसके कारण उन्हें सामाजिक और मनोवैज्ञानिक असहजता का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को लेकर वे लंबे समय से नाम परिवर्तन की मांग कर रहे थे। जब यह मुद्दा अजय टम्टा तक पहुंचा, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और ग्रामीणों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस दिशा में कदम उठाए। 

नए नाम 'देवीग्राम' से गांववासियों में उत्साह का माहौल है। उनका मानना है कि यह नया नाम न केवल उनके गांव की सकारात्मक छवि बनाएगा, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को भी मजबूत करेगा। इस बदलाव ने न सिर्फ गांव की पहचान बदली है, बल्कि ग्रामीणों के मन में एक नई उम्मीद और गर्व का भाव भी जगा दिया है।

यह भी पढ़ेंः फुल हुई ट्रेनों की सीटें... कैसे होगी छठ और दुर्गा पूजा, यात्रियों की बढ़ी चिंता, जानें क्या है रेलवे का प्लान?

संबंधित समाचार