नहीं जायेगी अब्बास अंसारी की विधायकी, निचली अदालत के फैसले पर हाई कोर्ट की रोक

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। निचली अदालत के फेसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। अब उनकी विधायकी नहीं जायेगी। 

दरअसल,   भड़काऊ भाषण के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट की तरफ से 2 साल की सजा अब्बास अंसारी को सुनाई गई थी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है। यह फैसला जस्टिस समीर जैन ने सुनाया है। फैसले के बाद अब अंसारी की विधायकी बहाल हो जायेगी।

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब मऊ की सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से मऊ सदर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से एमएलए रहे अब्बास अंसारी ने चुनावी सभा के दौरान ऐसा भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों को धमकाने जैसे शब्द कहे थे। इसे भड़काऊ बयान मानते हुए उन पर हेट स्पीच और आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आईपीसी की धारा 153-ए और 189 के तहत अपराध के लिए अब्बास अंसारी पर दो साल कैद और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। इसी फैसले के कारण 1 जून को विधानसभा सचिवालय ने मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया था यानी उनकी विधायकी खत्म हो गई थी। इसी के साथ कोर्ट ने उनके चुनाव एजेंट मंसूर को छह महीने जेल और दो हजार रुपये जुर्माने की सजा दी थी, जबकि छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया गया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट के समक्ष आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने गत 13 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था और बुधवार को आदेश जारी किया गया है।

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