गर्भस्थ शिशु की मौत : लखीमपुर का गोलदार अस्पताल सील, आशा बहू को नोटिस, डिप्टी सीएम सख्त

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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लखनऊ, अमृत विचार : लखीमपुर खीरी में इलाज के दौरान गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले ने हड़कंप मचा दिया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जिस निजी अस्पताल में लापरवाही हुई, उसे तुरंत सील करा दिया गया। वहीं गर्भवती को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कराने वाली आरोपी आशा बहू को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।

लखीमपुर खीरी के ग्राम नौसर जोगी निवासी विपिन गुप्ता की पत्नी रूबी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन बिजुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुँचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि अभी प्रसव का समय नहीं है और तबीयत खराब है, इसलिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसी बीच विपिन की साली ने आशा बहू दीपा से संपर्क किया। आरोप है कि आशा ने गर्भवती को महेवागंज स्थित गोलदार हॉस्पिटल में भर्ती कराने की सलाह दी।

अस्पताल पर आरोप : परिजनों का कहना है कि 21 अगस्त को अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती के बाद पैसे जमा करने की मांग की। पैसे न देने पर इलाज रोक दिया गया। थोड़ी रकम जमा करने के बाद इलाज शुरू किया गया, लेकिन महिला की हालत और गंभीर हो गई। आरोप है कि डॉक्टरों और नर्सों ने गर्भवती को अस्पताल से बाहर कर दिया। इसके बाद परिजन गर्भवती को दूसरे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बताया कि शिशु की गर्भ में मृत्यु हो चुकी है। गलत दवा और लापरवाही को वजह बताया गया। ऑपरेशन कर मृत शिशु को बाहर निकाला गया।

डिप्टी सीएम का एक्शन : मामले की जानकारी मिलते ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तुरंत संज्ञान लिया। गोलदार हॉस्पिटल को सील करा दिया गया। उन्होंने कहाकि, “इस प्रकरण में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जांच कमेटी गठित कर दी गई है। रिपोर्ट आने पर कठोर कार्रवाई होगी।”

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