लखीमपुर खीरी : एंटी करप्शन के जाल में फंसे पीसीएफ के दो बाबू, 90 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

40 लाख भुगतान कराने की एवज में ली थई 90 हजार रुपये रिश्वत 

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। सहकारिता विभाग में फैला भ्रष्टाचार एक बार फिर बेनकाब हो गया। प्रादेशिक सहकारी संघ पीसीएफ के दो बाबू ठेकेदार से 40 लाख रुपये का बकाया भुगतान जारी कराने के एवज में 90 हजार की रिश्वत मांग रहे थे। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन की टीम ने शनिवार को दोनों को रंगेहाथ दबोच लिया।

एंटी दो

मोहल्ला ईदगाह निवासी ठेकेदार आनन्द कुमार सिंह लंबे समय से पीसीएफ में खाद ढुलाई का काम कर रहे हैं। उनके करीब 40 लाख रुपये विभाग पर बकाया थे। आरोप है कि फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर रामापुर निवासी पटल सहायक अनिल वर्मा ने 70 हजार और लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी भंडार नायक हिमांशु शेखर गौतम ने 20 हजार रुपये की मांग की थी। ठेकेदार ने एंटी करप्शन विभाग को पूरे मामले की जानकारी दी। शिकायत सही पाए जाने पर लखनऊ से टीम खीरी पहुंची और जाल बिछाया। योजना के तहत ठेकेदार ने आरोपित बाबुओं को रिश्वत की रकम सौंपी। जैसे ही दोनों ने रुपये हाथ में लिए, टीम ने उन्हें दबोच लिया। एंटी करप्शन अधिकारियों के मुताबिक अनिल वर्मा को रोडवेज बस अड्डे के पास जबकि हिमांशु गौतम को गुरु नानक इंटर कॉलेज के निकट से गिरफ्तार किया गया। दोनों को कोतवाली लाकर पूछताछ के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई। आगे की कार्रवाई के लिए लखनऊ ले जाया गया। इस कार्रवाई के बाद सहकारिता विभाग में हड़कंप मच गया है। ठेकेदारों का कहना है कि भुगतान टालकर वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा था, लेकिन अब पहली बार ऐसे भ्रष्ट बाबुओं पर शिकंजा कसा गया है।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं मामले 

एंटी करप्शन टीम की जिले में यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों को टीम रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर चुकी है। पांच महीने पहले 21 अगस्त को ब्लाक कुंभी के एपीओ मधुर गुप्ता को टीम ने ग्राम छितौनिया की ग्राम प्रधान की शिकायत पर रंगेहाथ 50 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया था। इससे पहले ब्लॉक ईसानगर के एडीओ पंचायत शिवाशीष शरण श्रीवास्तव भी 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गये थे। तहसील निघासन का सिंगाही भेड़ौरा क्षेत्र का एक लेखपाल भी रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। एंटी करप्शन की जिले में लगातार कार्रवाई के बाद भी रिश्वत लेने के मामलों में कमी नहीं आती दिख रही है।

संबंधित समाचार