चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर: गलत रिपोर्ट देने पर मुख्यमंत्री से की शिकायत, मांगा मुआवजा
अयोध्या, अमृत विचार। शहर के रिकाबगंज स्थित चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगा है। पीड़ित ने डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्ट को और जगह से मिलान कराया तो नतीजा कुछ और ही निकला। इसके बाद पीड़ित ने इलाज में देरी के लिए सेंटर से मुआवजे की मांग करते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की है। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने सीएमओ को मामले में जांच कराने के निर्देश दिया है।
अब्दुल कादिर के शिकायती पत्र के अनुसार चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर की ओर से 8 जुलाई को दी गई गलत और अपूर्ण सीटी स्कैन रिपोर्ट के कारण मुझे गंभीर चिकित्सा, व्यक्तिगत और वित्तीय नुकसान हुआ। रिपोर्ट में केवल दो छोटे गुर्दे के पत्थर (बायां गुर्दा 4गुणे3 मिमी, दायां गुर्दा 3गुणे 2 मिमी) और यूरीटेरिक पथरी या हाइड्रोनेफ्रोसिस/हाइड्रोयूरेटर का कोई उल्लेख नहीं किया। अब्दुल ने 10 अगस्त को दूसरे डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच कराई तो दोनों गुर्दों और यूटर्स में कई पथरी मिली। दोनों तरफ हल्का हाइड्रोयूरेटरोनेफ्रोसिस भी दिखा। इसी तरह एक और नर्सिंग होम में जांच कराई तो परिणाम कुछ और ही निकले। उनका आरोप है कि गलत सीटी स्कैन रिपोर्ट के कारण निदान और उपचार में देरी हुई।
11 अगस्त को कई पथरी हो जाने के कारण आपातकालीन सर्जरी करानी पड़ी। इस कारण उन्हें अपनी एक यात्रा रद करनी पड़ी। उनका कहना है कि डायग्नोस्टिक सेंटर का कर्तव्य है कि वह सटीक और पूर्ण रिपोर्ट प्रदान करे। इस मामले में त्रुटि ने सीधे स्वास्थ्य जोखिम पैदा किया। यूरीटेरिक पथरी के निदान में देरी से गंभीर हाइड्रोनेफ्रोसिस, गुर्दे की क्षति या गुर्दे की कार्यक्षमता का नुकसान हो सकता है। उन्होंने सीटी स्कैन लागत, सर्जरी की बढ़ी हुई लागत, उड़ान रद्द करने का नुकसान, अतिरिक्त दवाइयां और मानसिक पीड़ा को लेकर मुआवजे की मांग की है। साथ ही डायग्नोस्टिक सेंटर से लिखित में माफीनामा देने की भी बात कही है। मामले में चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर के यूनिट हेड यतींद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे अभी जानकारी नहीं है। न ही सीएमओ ऑफिस से कोई पत्र प्राप्त हुआ है। नर्सिंग होम के नोडल अफसर डॉ. संदीप शुक्ल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
