अनोखी पहल: कानपुर के रमईपुर में कचरे से कमाई, गांव में बढ़ी सफाई
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर नगर की विधनू ब्लॉक की रमईपुर ग्राम पंचायत अब सिर्फ स्वच्छता के लिए ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता का भी उदाहरण बन चुकी है। यहां एक ऐसा मॉडल तैयार हुआ है, जहां कूड़े-कचरे को न केवल ठिकाने लगाया जा रहा है, बल्कि उसे आय के साधन में बदल दिया गया है।
सोमवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने रमईपुर में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट एवं आरआरसी सेंटर का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज–2 योजना के अंतर्गत प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट और रिसोर्स रिकवरी सेंटर स्थापित किए गए हैं। यह दोनों केंद्र अब ग्राम पंचायत के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
प्लास्टिक से पंचायत को 6,000 रुपए की आमदनी
डीपीआरओ मनोज कुमार ने डीएम को बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा 16 लाख रुपये की लागत से यूनिट का निर्माण और मशीनें खरीदी गईं। पिछले कुछ महीनों में ही यूनिट पर 9.5 टन प्लास्टिक अपशिष्ट एकत्र कर बैलिंग और श्रेडिंग की प्रक्रिया से गुजारा गया। ग्राम पंचायत ने नेचर नेक्स्ट फाउंडेशन और स्थानीय कबाड़ियों से समझौता किया है जिससे प्लास्टिक की बिक्री हो सके। अब तक केवल प्लास्टिक से 6,000 रुपये की आमदनी पंचायत को हो चुकी है।
साथ ही कचरे से तैयार वर्मी कम्पोस्ट ने भी आय का नया रास्ता दिखाया है। लगभग 2,000 किलो वर्मी कम्पोस्ट बेचकर पंचायत ने 25,000 रुपये से अधिक अर्जित किए हैं। उन्होंने बताया कि करीब 425 घरों से नियमित कूड़ा उठान की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण गाड़ियों में कचरा डालते हैं, जिसे सीधे आरआरसी सेंटर ले जाया जाता है। खास बात यह है कि लगभग 350 ग्रामीण परिवार स्वेच्छा से 30 रुपये का मासिक यूजर चार्ज भी जमा कर रहे हैं। इससे पंचायत के ओएसआर खाते में डेढ़ लाख से अधिक राशि संरक्षित हुई है।
