राष्ट्रीय पुस्तक मेला: दलित व बौद्ध साहित्य की धूम...5वें दिन स्टालों पर भीड़ उमड़ी, इन किताबों को खूब पसंद कर रहे लोग
लखनऊ, अमृत विचार। बलरामपुर गार्डन में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में 5वें दिन दलित और बौद्ध साहित्य के स्टालों पर भीड़ उमड़ी। मेले में सम्यक प्रकाशन के स्टाल पर आदिवासी पत्र पत्रिकाएं, मैं बौद्ध नगरी मथुरा हूं, दलित दमन उत्पीड़न कब तक, बोधगया, ऐतिहासिक फैसला जैसी नयी किताबों के साथ बौद्ध साहित्य में बौद्ध जीवन आचार विचार, भगवान बुद्ध की अंतिम यात्रा और अम्बेडकर साहित्य में घर घर अम्बेडकर सरीखी पुस्तकें हैं।
अनिल बहुजन के स्टाल पर इसी वर्ष छपी सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान पसंद की जा रही है। गौतम बुक के स्टाल पर नयी और सर्वाधिक बिकने वाली किताबों में एसएस गौतम की ज्वलंत विषय पर भारतीय जातियों का इतिहास और बहुजन ज्ञान कोष के साथ कबीर की सौ कविताएं खास हैं। बौद्ध और दलित साहित्य अन्य स्टालों पर भी खूब है।
सांस्कृतिक मंच पर सोमवार को प्रगतिशील मानव कल्याण शिक्षण संस्थान के समारोह के बाद निरूपमा मेहरोत्रा के उपन्यास प्रतीक्षा का विमोचन महेशचंद्र द्विवेदी, हेमलता शर्मा, डॉ. अपूर्वा अवस्थी, शारदा लाल व अलका प्रमोद की उपस्थिति में किया गया। मंजूषा परिषद के सम्मान समारोह में संजय जायसवाल संजय ने उपन्यास सुबह का सपना की समीक्षा की। यहां शिक्षाविद् प्रो. उषा सिन्हा और रेडियो प्रसारक नूतन वशिष्ठ को सम्मानित किया गया।
लेखक विश्व भूषण की पुस्तक सनातन संवाद कथाएं एवं सनातन कुम्भ का विमोचन पूर्व डीजीपी महेशचन्द्र द्विवेदी व काशी विश्वनाथ मंदिर के ब्रजभूषण ने व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय गुप्ता, चन्द्रशेखर पाण्डे व अरुण कुमार पाण्डे की मौजूदगी में किया।
स्थानीय जिला आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से गुरुकुल परम्परा की पुनर्स्थापना एवं ज्ञान और प्रेरणा की स्रोत पुस्तकें विषयक गोष्ठी में डॉ. निष्ठा विद्यालंकार तथा सुमन पाण्डेय ने विचार रखे। गुरुकुल विद्यार्थियों के समूह ने योग प्रदर्शन कर संयोजन प्रस्तुत कर दर्शकों की तारीफ़ हासिल की। शाम को कविता लोक सृजन का काव्य समारोह आयोजित हुआ। 5 बजे पहुंचेगी।
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