Moradabad : 30 सेकेंड में बीमारी पूछ कर दवा लिख रहे इंटर्न, ओपीडी में पहुंच रहे 200 से ज्यादा मरीज
मुरादाबाद, अमृत विचार। चिकित्सक ठीक से मरीजों से मर्ज के बारे में बात कर लें, स्ट्रेथोस्कोप से जांच कर लें तो उनकी आधी बीमारी वैसे ही ठीक हो जाती है, लेकिन जिला अस्पताल में ऐसा नहीं हो रहा है। यहां ओपीडी में चिकित्सक की जगह इंटर्न सिर्फ 30 सेकेंड में ही मरीज से बीमारी के बारे में पूछकर दवाएं लिख रहे हैं। मरीज कुछ आगे बोले तो कहते हैं कि और भी मरीज लाइन लगे में हैं।
अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी सुबह 7:30 बजे से ही मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। ओपीडी में इंटर्न डॉ. इंतजाबुल हसन और डॉ. शाहरुख खान मंगलवार को सुबह आठ बजे से मरीजों को देख रहे थे। उन्होंने महज 30 सेकेंड में मरीज से बीमारी पूछकर दवाएं लिख दीं। ओपीडी में 200 से अधिक मरीज पहुंचे। छह घंटे में सभी मरीजों को देखा। ऐसे में एक मरीज को देखने में 30 सेकंड का समय दिया।
ओपीडी से बाहर निकलने के बाद करूला निवासी मरीज रानी ने बताया कि न तो चिकित्सक ने उनकी पूरी बात सुनी और न ही स्टेथोस्कोप से जांच की। इस बारे में डॉ. हसन ने बताया कि अगर नियम की बात करें तो एक चिकित्सक को एक मरीज की बीमारी जानने-पूछने में करीब 15 मिनट लगाना चाहिए। यहां चिकित्सकों की कमी है। इसलिए मरीजों के हिसाब से अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए। ठीक यही स्थिति चर्म रोग विभाग की ओपीडी में थी। यहां भी मरीज को पूरा एक मिनट नहीं देखा और दवाएं लिखनी शुरू कर दीं।
प्रमुख अधीक्षक एवं अपर निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। चर्म रोग विभाग की ओपीडी में डेढ़ साल से पद रिक्त है। मेडिसन विभाग की ओपीडी में एक ही फिजिशियन हैं। उन्हें इमरजेंसी भी देखनी होती है। हर रोज लगभग 2000 मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में कोशिश रहती है कि सभी मरीजों को देखकर उनका इलाज किया जा सके।
