नवरात्री स्पेशल : नौ देवी और आज की नारी

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Published By Anjali Singh
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नवरात्रि के दौरान पूजी जाने वाली नौ देवी आज की नारी के विभिन्न रूपों और गुणों का प्रतीक हैं। ये नौ देवी हैं - शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री 

नौ देवी और नारी के रूप

- शैलपुत्री: नारी के बचपन का प्रतीक।
- ब्रह्मचारिणी: नारी की तपस्या और संयम का रूप।
- चंद्रघंटा: नारी की सुंदरता और सुरक्षा का संदेश।
- कूष्मांडा: नारी की सृष्टि रचना में भूमिका।
- स्कंदमाता: नारी का मातृत्व का रूप।
- कात्यायनी: नारी की शक्ति और अन्याय के खिलाफ आवाज।
- कालरात्रि: नारी की शक्ति जो अन्याय का विरोध करती है।
- महागौरी: नारी की शांति और सौम्यता का प्रतीक।
- सिद्धिदात्री: नारी की सिद्धियों और आंतरिक शक्ति का प्रतीक।

आज की महिलाएं देवी रूप भी हैं

आज की महिलाएं भी देवी के विभिन्न रूपों की तरह हैं। वे अपने जीवन में शक्ति, साहस, ममता और बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करती हैं। चाहे वह घर हो, कार्यस्थल हो या समाज, महिलाएं अपनी भूमिका को निभाते हुए देवी के गुणों को दर्शाती हैं।

- शक्ति और साहस: महिलाएं अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करती हैं और उन्हें पार करती हैं।
- ममता और करुणा: महिलाएं अपने परिवार और समाज के प्रति ममता और करुणा दिखाती हैं।
- बुद्धिमत्ता और नेतृत्व: महिलाएं अपने निर्णयों और कार्यों में बुद्धिमत्ता और नेतृत्व का प्रदर्शन करती हैं।

देवी और नारी - एक समान

देवी और नारी में समानता है, दोनों ही शक्ति, करुणा और सामर्थ्य का प्रतीक हैं। जैसे देवी अपने भक्तों की रक्षा करती हैं, वैसे ही महिलाएं अपने परिवार और समाज की रक्षा करती हैं। देवी और नारी दोनों ही अपने गुणों से समाज को समृद्ध बनाती हैं। बस हर महिला में हम देवी को और देवी में अपने परिवार को देखना शुरू करें ,तब ही महिला सशक्तिकरण के सही अर्थ को साकार कर पाएंगे।-डॉ. निशा शर्मा, लेखिका,  बरेली, उत्तर प्रदेश