Gomti Book Festival: 5 दिनों में बिकीं 51 हजार किताबें...पुस्तक महोत्सव में लखनऊ के लोगों ने लिया बढ़ चढ़ कर हिस्सा 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : लखनऊ विश्वविद्यालय में चल रहे गोमती पुस्तक महोत्सव में 5 दिनों में लगभग 51 हजार पुस्तकें बिक चुकी हैं। करीब 2 लाख पाठकों ने पुस्तक मेले में अपनी पसंद की किताबों की तलाश की। यह संख्या किताबों के प्रति लखनऊ के गहरे लगाव और भारत के साहित्यिक मानचित्र पर उसकी बढ़ती पहचान को रेखांकित करती है। नेशनल बुक ट्रस्ट की ओर से आयोजित यह पुस्तक महोत्सव प्रख्यात लेखकों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का जीवंत मंच बन चुका है।

बाल मंडप सुनने को मिली कठपुतली की कथा

महोत्सव के बाल मंडप में गुरुवार को अमृत नागपाल ने रोचक कठपुतली कथाकथन से बच्चों को रोमांचित किया। इसके बाद जयश्री सेठी ने माइंडफुलनेस सत्र में बच्चों को सांस संबंधी अभ्यास और कागज़ आधारित गतिविधियों के जरिए मानसिक शांति का अनुभव कराया। आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला में नामिक शेर्पा ने बच्चों को रंग-बिरंगे कागज़ी हंस बनाना सिखाया।

लेखक से मिलिए कार्यक्रम में शिवमूर्ति ने बताया पुस्तकों का महत्व

साहित्यिक संवाद के पहले सत्र में वरिष्ठ कथाकार और उपन्यासकार शिवमूर्ति से उनकी रचनात्मकता और अनुभवों पर चर्चा हुई। इस संवाद का संचालन लेखक अरुण सिंह ने किया। बातचीत में यह बात प्रमुख रही कि साहित्य में गुणवत्ता हमेशा संख्या से अधिक महत्त्वपूर्ण है। शिवमूर्ति ने अपने जीवन के प्रसंग भी साझा किए और लखनऊ के पाठकों से अपील की कि वे पुस्तक महोत्सव में आकर साहित्य की दुनिया से और निकटता स्थापित करें।

कर्णगाथा : महाभारत के उपेक्षित नायक की कथा

महोत्सव के छठे दिन का आकर्षण कर्णगाथा का मंचन रहा। जिसे भारतेंदु नाट्य अकादमी ने प्रस्तुत किया। शिवाजी सावंत की मृत्युंजय, रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी और रवीन्द्रनाथ ठाकुर के कर्ण-कुंती संवाद से प्रेरित इस नाट्य प्रस्तुति में महाभारत के महानायक कर्ण के संघर्ष, द्वंद्व और जीवन-दर्शन को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।

संवेदनापूर्ण संवाद और सशक्त अभिनय के जरिए प्रस्तुति ने कर्ण के भीतर के संघर्ष, निष्ठा, न्याय, भाग्य और स्वेच्छा को जीवंत कर दिया। दर्शक कथा की तीव्रता से गहराई तक प्रभावित हुए। नाटक ने कर्ण की वीरता के साथ-साथ पहचान, सम्मान और नियति जैसे शाश्वत प्रश्नों को भी उजागर किया।

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