छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत पर एक्शन, जहरीला कफ सिरप लिखने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, तमिलनाडु की फार्मा कंपनी पर भी FIR
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में खांसी की दवा से जुड़े बच्चों के निधन के प्रकरण में प्रशासन ने कड़ी कदम उठाए हैं। स्थानीय विशेष जांच दल ने संदेहास्पद 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप की सिफारिश करने वाले बाल चिकित्सक डॉ. प्रवीण सोनी को कोतवाली इलाके के राज्यपाल भवन के आसपास से हिरासत में ले लिया है। इसी कड़ी में, इस सिरप के निर्माण से जुड़ी तमिलनाडु की एक फार्मास्यूटिकल इकाई के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
जिले के पुलिस अधीक्षक अजय पांडे के अनुसार, कांचीपुरम (तमिलनाडु) में स्थित मेसर्स श्रेसन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड और उक्त शिशु विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी पर औपचारिक मुकदमा चलाया जा रहा है। यह कार्रवाई दवा की गुणवत्ता पर गंभीर सवालों के बाद की गई है, जिसने बच्चों की जान को खतरे में डाल दिया।
बीएमओ की रिपोर्ट पर आधारित जांच
यह सारी प्रक्रिया परासिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. अंकित सहलाम की शिकायत के आधार पर शुरू की हुई है। उनकी रिपोर्ट में साफ जिक्र था कि उक्त कंपनी द्वारा तैयार 'कोल्ड्रिफ' सिरप में खराबी थी, जो बच्चों के लिए घातक साबित हुई। कई मामलों में बच्चों की मौत का कारण भी बनी।
सख्त कानूनी प्रावधानों के दायरे में केस
परासिया पुलिस ने घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है:
- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 279: दवाओं में मिलावट या निम्न गुणवत्ता का मिश्रण।
- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105: लापरवाही से मौत का कारण बनना, जो हत्या की श्रेणी में नहीं आता।
- ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 27(ए): मिलावटी दवाओं के सेवन से मौत पर कठोर दंड।
- ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26: दवाओं की अनुचित बिक्री या वितरण।
इन धाराओं में अपराध सिद्ध होने पर दोषियों को मिलेगी न्यूनतम 10 वर्ष की कैद से लेकर उम्रकैद तक की सजा।
जांच और रोकथाम के नए कदम
प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम की गहन पड़ताल के लिए विशेषज्ञों की एक समिति को गठित किया है। समिति को सिरप के नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट मिलते ही अगले चरण की कार्यवाही तेज की जाएगी।
इसके अलावा, अधिकारियों ने सभी औषधालयों और मेडिकल दुकानों को सतर्कता का संदेश दिया है। यदि कहीं 'कोल्ड्रिफ' सिरप बिक्री हेतु उपलब्ध पाया गया, तो संबंधित दुकान का परवाना फौरन रद्द कर कानूनी बंधन लगाए जाएंगे। यह कदम भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोकने का प्रयास है।
