लखीमपुर खीरी : कालाआम पीएचसी अधीक्षक ने संदिग्ध हालात में खाया जहर, इलाज के दौरान मौत

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Published By Monis Khan
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। थाना फरधान क्षेत्र के कालाआम स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान शनिवार को उनकी मौत हो गई। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है।

गाजीपुर जिले के निवासी डॉ. विनोद कुमार लगभग पांच वर्षों से कालाआम पीएचसी में अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे। वह पीएचसी परिसर में बने सरकारी आवास में अपने दो बच्चों के साथ रहते थे, जबकि उनकी पत्नी सीमा गौतम सरकारी कर्मचारी होने के कारण लखनऊ में रह रही थी। बताया जाता है कि शुक्रवार देर शाम डॉ. विनोद कुमार ने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन किया, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। 

स्टाफ ने तत्काल उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से लखनऊ रेफर किया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। सीएचसी फरधान अधीक्षक डॉ. अमित वाजपेई ने बताया कि डॉ. विनोद ने जहर क्यों खाया, यह स्पष्ट नहीं है। पोस्टमार्टम के बाद परिजन लखनऊ से ही शव लेकर गाजीपुर चले गए। सूत्रों के मुताबिक, डॉ. विनोद कुछ समय से एक महिला द्वारा ब्लैकमेल किए जाने से परेशान थे। उनकी पत्नी ने हाल ही में संबंधित महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

डॉक्टर की पत्नी ने नौकरानी व उसके भाई पर लगाया था ब्लैकमेल का आरोप
कालाआम पीएचसी अधीक्षक की पत्नी सीमा गौतम निवासी मानसरोवर लखनऊ ने अपनी नौकरानी माधुरी देवी और उसके भाई पवन कुमार पर उनके पति डॉ. विनोद कुमार को ब्लैकमेल कर लाखों रुपये और प्रॉपर्टी हड़पने का आरोप लगाया था। सदर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 7 अगस्त 2025 को आरोपी नौकरानी माधुरी देवी और उसके भाई पवन निवासी धूसेरपुरवा, मजरा गुलौली (सीतापुर) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। तहरीर के अनुसार, सीमा गौतम सरकारी कर्मचारी हैं और विभागीय कार्यों के चलते लखनऊ में रहती हैं। बच्चों की देखभाल के लिए उन्होंने 19 जून 2023 को माधुरी को घरेलू सहायिका के रूप में रखा था। कुछ दिनों बाद माधुरी ने अपने परिजनों की मदद से डॉ. विनोद को झांसे में लेकर झूठी शादी रचाई और तस्वीरें खींचकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोप है कि धमकियों के चलते डॉक्टर से लाखों रुपये वसूले गए और लखीमपुर स्थित एक प्लॉट उनके नाम कराया गया। विरोध करने पर आरोपी परिवार ने जान से मारने और नौकरी से हटवाने की धमकी दी। इन दबावों से डॉ. विनोद मानसिक रूप से बेहद परेशान रहते थे।


एफआईआर के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, बढ़ी ब्लैकमेलिंग
सदर कोतवाली पुलिस ने मानसरोवर निवासी सीमा गौतम की तहरीर पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 351(3), 127(2), 316(2) व 308(6) के तहत मामला दर्ज कर विवेचना एसआई रमेश कुमार कन्नौजिया को सौंपी थी। हालांकि, आरोप है कि अब तक न तो किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई और न ही कोई ठोस जांच हुई। बताया जाता है कि एफआईआर की जानकारी मिलते ही आरोपी महिला और उसके परिवार ने डॉक्टर पर दबाव और प्रताड़ना और बढ़ा दी थी। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यदि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो शायद डॉ. विनोद कुमार आत्मघाती कदम न उठाते और उनकी जान बच सकती थी।

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