9 अक्टूबर को धरना देकर आंदोलन की घोषणा करेंगे कर्मचारी, सालों से नहीं पूरी हुईं मांगें
लखनऊ, अमृत विचार। नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्रामीण स्थानीय निकाय के कर्मचारियों की मांगें लंबे समय से पूरी नहीं हो रही है। यह हाल तब है जब कर्मचारियों ने इसके लिए कई बार आंदोलन किया। मंत्री व अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या बताई, लेकिन जिम्मेदारों ने कोई निर्णय नहीं लिया। इतना ही नहीं शासन स्तर पर हुई बैठकों की कार्यवृत्त भी जारी नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इतना कुछ होने के बाद अब कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया है। आंदोलन का रास्ता ही कर्मचारियों के पास बचा है।
कर्मचारियों की समस्या उठाने वाले संगठन उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने शासन स्तर पर बैठको का विवरण भी जारी करते हुये कहा है कि इतनी बार बात होने के बाद भी कर्मचारियों की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है।
कर्मचारियों की मांग
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि निकाय कर्मचारियों की अयोन्द्रीयित सेवा नियमावली न बनाये जाने के कारण आज किसी भी संवर्ग की समय रहते पदोन्नति और पुर्नगठन, वेतन विसंगति आदि का समाधान नहीं हो पा रहा है। वर्ष 2001 तक सेवारत दैनिक वेतन, संविदा कर्मचारियों के लिए जारी प्रदेश सरकार के शासनादेश के बाद भी निकाय कर्मचारियों का अभी तक विनियमतीकरणनहीं हो सका। दैनिक वेतन, संविदा के साथ-साथ ऐसे तदर्थ धारा-108 पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए जारी आदेश को लागू नहीं किया गया है। कैशलेस इलाज व्यवस्था, मृतक आश्रितों की नियुक्ति, पुरानी पेंशन बहाली समेत 10 सूत्रीय मांगें हैं। जिसे पूरा कराने के लिए हमें आंदोलन करना होगा। तभी कर्मचारियों का भला होगा।
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