CBI ने दाखिल की चार्जशीट : अस्पताल को डी-इम्पैनल्ड न करने के लिए मांगे थे 50 लाख रुपये
लखनऊ, अमृत विचार । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के मामले में तीन आरोपियों सीजीएचएस (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) के एडी मेरठ डॉ. अजय कुमार, कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और दलाल रईस अहमद के खिलाफ शुक्रवार को चार्ज शीट दाखिल की है। तीनों पर सीजीएचएस पैनल से अस्पताल को डी-इम्पैनल्ड न करने के लिए 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने की रिपोर्ट दर्ज थी। आरोपियों को सीबीआई की टीम ने 12 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक 12 अगस्त को मेरठ के एक निजी अस्पताल के संचालक ने शिकायत की थी। जिसमें आरोप लगाया कि सीजीएचएस मेरठ के अपर निदेशक डॉ. अजय कुमार, उनके कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और दलाल रईस अहमद ने उनसे 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी है। शिकायतकर्ता मेडिकल ग्रुप मेरठ और उसके आसपास अलग-अलग नाम से कई अस्पताल चलाता है। आरोपियों ने सीजीएचएस के पैनल वाले अस्पतालों की सूची से अस्पतालों को डी-एम्पैनल्ड नहीं करने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। बातचीत के बाद, आरोपी लोक सेवक 12 अगस्त को 5 लाख रुपये (50 लाख रुपये की रिश्वत राशि की पहली किस्त) का आंशिक भुगतान स्वीकार करने के लिए सहमत हुए। सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपी लोक सेवकों और एक निजी व्यक्ति को 5 लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। सीबीआई ने इस मामले में 60 दिन में अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।
