अनहोनी से निपटने के लिए अस्पताल तैयार.... बर्न यूनिट से लेकर इमरजेंसी और आईसीयू तक की व्यवस्था पुख्ता
लखनऊ, अमृत विचार : दीपावाली में अनहोनी से निपटने के लिए अस्पताल तैयार हैं। इमरजेंसी और बर्न यूनिट में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। इमरजेंसी में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। ठीक हो चुके मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है। डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें बना दी गई हैं। अस्पतालों ने हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किए हैं। असुविधा पर फोन पर तत्काल मदद हासिल की जा सकती है।
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में चार बेड आरक्षित किए गए हैं। ट्रॉमा सीएमएस डॉ. प्रेमराज सिंह ने बताया कि दीवाली में पटाखे से जख्मी लोगों को इलाज कराने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्लास्टिक सर्जरी एंड बर्न यूनिट के विशेषज्ञ डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है। नेत्र, हड्डी व त्वचा रोग विशेषज्ञ भी मुस्तैद रखे गए हैं। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने बताया कि दिवाली में अनहोनी से निपटने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
इसके अलावा बलरामपुर अस्पताल, सिविल और लोकबंधु, राम सागर मिश्र, ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल और बीआरडी महानगर सहित सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। बेड आरक्षित किए गए हैं।
यहां करें संपर्क
सीएमओ कंट्रोल रूम
अनहोनी की दशा में यदि अस्पतालों में इलाज हासिल करने में अड़चन आए तो सीएमओ कंट्रोल रूम में फोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। 05222622080 पर संपर्क कर सकते हैं।
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर - 9453004209
सभी अस्पतालों, सीएचसी व पीएचसी में दीवाली के चलते विशेष इंतजाम किये गए हैं। इमरजेंसी में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है। दवाओं समेत अन्य जरूरी चीजों के मुहैया करा दी गईं। ताकि घायलों व पटाखों से झुलसे लोगों को त्वरित इलाज मुहैया कराया जा सके।-डॉ. एनबी सिंह, सीएमओ
एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध
108 एवं 102 एम्बुलेंस सेवाएं एक कॉल पर उपलब्ध रहेंगी। एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ने सभी एम्बुलेंसों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के सभी जिलों में 108 व 102 एम्बुलेंस 24 घंटे लोगों की सेवा के लिए उपलब्ध रहेंगी। यूपी में 108 एवं 102 एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ईएमआईआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि दिवाली पर 108 सेवा की सभी एंबुलेंस तैयार हैं। सभी एंबुलेंसों में आवश्यक दवाएं मुहैया करायी गई हैं। 108 एम्बुलेंस रूप से चिन्हित किए गए विशेष स्थानों, दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों व थानों के नजदीक मौजूद रहेंगी।
जलन होने पर आंखें पानी से धोएं
केजीएमयू नेत्र रोग विभाग के डॉ. अरूण शर्मा ने बताया कि आंखों का ध्यान रखें। पटाखों के धुएं और चिंगारियों से आंखों को बचाएं। अगर जलन हो तो ठंडे पानी से धोएं। आंखें रगड़ें नहीं। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें। तेज आवाज से बचें। शोरगुल वाले पटाखों से बचें। खासकर यदि आपको माइग्रेन या दिल की समस्या है।
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी
केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. सुजाता देव ने बताया कि पटाखे के धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा रसायनों के संपर्क में आने से गर्भ में पल रहे बच्चे में जन्मजात विकलांगता होने का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक धुएं के संपर्क में रहने से गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।
सांस और दिल के रोगियों के लिए केजीएमयू ने जारी की एडवाइजरी
हालांकि ग्रीन पटाखों का दौर है लेकिन दीपावली पर आतिशबाजी का प्रयोग अधिक होने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इससे सांस के रोगियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं। ऐसे मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। यह जानकारी केजीएमयू में रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने साझा की।
बरतें सावधानी, प्रदूषण बढ़ने पर ध्यान दें रोगी
उन्होंने लोगों से सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने की अपील की है। दीपों का यह पर्व प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इसे दीपों की रोशनी से मनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी के धुएं में खतरनाक रसायन पाए जाते हैं। डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक देश में लगभग 4 करोड़ लोग अस्थमा और 6 करोड़ लोग सीओपीडी जैसी सांस की बीमारियों से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों को दिक्कतें होती हैं। क्योंकि पटाखों का धुआं और महीन धूल उनके फेफड़ों में आसानी से प्रवेश कर जाती है जो दमा और दिल के रोगियों की परेशानी बढ़ाता है।
