पूर्व छात्र डॉ. माणिक साहा को केजीएमयू ने दी मानद फेलोशिप, संस्थान के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में किया संबोधित

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: केजीएमयू ने शुक्रवार को अपने पूर्व छात्र त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के अलावा डॉ. यूएस पाल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. समीर मिश्रा, डॉ. नितिन वर्मा, डॉ. पी अनंतनारायणन एटम्स की मानद फेलोशिप से सम्मानित किया। संस्थान में आयोजित कांफ्रेंस में शाहा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

कांफ्रेंस का आयोजन ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग और एसोसिएशन ऑफ ट्रॉमा एंड ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन्स की ओर से किया गया था। इसमें डॉ. शाहा ने कहा कि मेडिकल और तकनीकी शिक्षा में मातृभाषा का उपयोग बच्चों को अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने, आलोचनात्मक सोच और भाषाई कौशल विकसित करने में मदद करता है। इससे सीखने की प्रक्रिया अधिक सार्थक और समावेशी बनती है, जो सीखने के परिणामों में सुधार करता है।

उन्होंने कहा कि भाषा संचार का माध्यम है। यह संवेदना की अभिव्यक्ति और ज्ञान की नींव भी है। यह हमें विचारों को जोड़ती है। मातृभाषा में शिक्षा लेने पर छात्र जटिल चिकित्सा, तकनीकी अवधारणाओं को अधिक आसानी से और गहराई से समझ पाते हैं। जिससे रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है।

आयोजन सचिव डॉ. अमिय अग्रवाल ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस पुनर्भवम के नाम से आयोजित की गई है। आयोजन केवल वैज्ञानिक संवाद का मंच नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना और सेवा भावना का प्रतीक भी है। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद को एपिटोम ऑफ एक्सीलेंस सम्मान से अलंकृत किया गया। इस मौके पर डॉ. यूएस पाल, डॉ. मदन मिश्रा, डॉ. केके सिंह, डॉ. अरुणेश कुमार तिवारी और डॉ. विभा सिंह मौजूद रहे।

इनको मिली फेलोशिप

डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. अभिज्ञान मानस, डॉ. प्रियंकर सिंह, डॉ. संदीप कुमार पांडेय, डॉ. ले. कर्नल विशाल कुलकर्णी, डॉ. अश्विन प्रीतम कुमार, डॉ. प्रेम राज सिंह, डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय, डॉ. पद्मनिधि अग्रवाल, डॉ. रवि कुमार, डॉ. अंशू सिंह, डॉ. अखिलेश कुमार सिंह।

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