ड्रॉप बॉक्स में अटके 56 हजार बच्चे ... शिक्षा विभाग पर उठ रहे सवाल, DIOS और बीएसए को 24 घंटे की मोहलत
अयोध्या, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में ड्रॉपआउट की समस्या ने अब शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यू-डायस पोर्टल पर अभी भी कक्षा एक से सात तक के 56 हजार से ज्यादा छात्र ''''ड्रॉपबॉक्स'''' में अटके हुए हैं। यह वो बच्चे हैं जो पिछले सत्र में पास हुए लेकिन अगली कक्षा में प्रवेश की जानकारी ही नहीं दी गई। नतीजा अब विभाग ने सख्त कदम उठाया है। 24 घंटे के अंदर इनका निस्तारण न होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और डीआईओएस का वेतन रोक दिया जाएगा।
स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से जारी सख्त निर्देशों ने हड़कंप मचा दिया है। आखिर ये बच्चे कहां गायब हो गए? कुछ सरकारी स्कूलों से एडेड या प्राइवेट स्कूलों में शिफ्ट हो गए, तो कुछ ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। लेकिन समस्या यह है कि प्रधानाचार्यों ने इनकी ट्रैकिंग ही नहीं की। यू - डायस के स्टूडेंट मॉड्यूल में एडमिशन, ट्रांसफर या ड्रॉपआउट की डिटेल्स अपडेट न होने से पूरा डेटा ब्लैक होल में खो गया है। अब तक इसे लेकर छूट दी जा रही थी लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा सख्ती किए जाने के बाद महानिदेशालय को भी तेवर दिखाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
स्कूलों और कॉलेजों ने की बड़ी चूक
स्कूलों को स्टूडेंट प्रोफाइल, एनरोलमेंट और प्रोग्रेशन अपडेट करने का सख्त आदेश है,लेकिन देरी से सरकारी योजनाएं जैसे मिड-डे मील, यूनिफॉर्म और किताबें प्रभावित हो रही हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक जिले के प्राइमरी एजुकेशन के बॉस हैं। उनका सैलरी स्ट्रक्चर 7वें वेतन आयोग के तहत 56,100 से 1,77,500 तक है, लेकिन अब ये रुका तो मामला बड़ा होगा। इसके बाद भी जिला स्तर पर स्कूलों और कॉलेजों पर व्यवस्था को लेकर दबाव नहीं है।महानिदेशालय द्वारा इसे लेकर आदेश मिले हैं। सभी स्कूल-कॉलेज को पहले से ही निर्देश दिए गए हैं। पुन: निर्देश दिए जा रहे हैं,सोमवार तक व्यवस्था हो जाएगी।-डॉ. पवन कुमार तिवारी,डीआईओएस।
