संतों ने मां सरयू को अर्पित की 101 मीटर लंबी चुनरी: बैंड बाजे के साथ हनुमानगढ़ा से निकाली शोभायात्रा, दिखाए करतब
अयोध्या, अमृत विचार: बड़े भक्तमाल मंदिर के संस्थापक महंत रामशरण दास जी महाराज के 50वें साकेतोत्सव के अवसर पर रविवार को मां सरयू को 101 मीटर चुनरी अर्पित करने के लिए भव्य शोभायात्रा निकाली गई। मंदिर के बड़े महंत कौशल किशोर दास महाराज के सानिध्य और वर्तमान महंत अवधेश कुमार दास महाराज के संयोजन में हनुमानगढ़ी के शाही निशान, बैंड-बाजे एवं दर्जनों रथों के साथ यह शोभायात्रा बड़े भक्तमाल मंदिर से प्रारंभ हुई। शोभायात्रा हनुमानगढ़ी, श्रृंगारहाट, लता मंगेशकर चौक होते हुए मां सरयू के तट पर पहुंची।
वहां सर्वप्रथम शाही निशान का पूजन किया गया। इसके बाद मां सरयू को सवा कुंतल दूध से अभिषेक किया गया। फल-फूल अर्पित किए गए। संत-महंतों ने आरती उतारी। इसके बाद सभी संतों ने मां सरयू को चुनरी अर्पित की। शोभायात्रा में हनुमानगढ़ी के नागा संतों ने अद्भुत करतब दिखाकर भक्तों का मन मोह लिया।
महंत अवधेश कुमार दास महाराज ने कहा कि बड़े भक्तमाल महाराज के आशीर्वाद से आश्रम में निरंतर सेवा कार्य चल रहा है। प्रतिवर्ष सरयू माता को चुनरी अर्पित की जाती है। भंडारा आयोजित होता है, लेकिन इस वर्ष श्री महाराज जी का 50वां साकेतोत्सव होने के कारण यह आयोजन विशेष है। बताया कि पंचकोसी परिक्रमा के तहत भगवान राम की सेवा करने वाले भक्तों को प्रतिदिन सम्मानित किया जा रहा है।
चुनरी महोत्सव में चक्रवर्ती सम्राट दशरथ जी के राजमहल बड़ा स्थान के पीठाधीश्वर महंत बिंदुगद्याचार्य स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य, जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण, बावन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरण, तुलसीदास छावनी के महंत जनार्दन दास, महंत रामजी शरण, राम कचेहरी महंत शशिकांत दास, पत्थर मंदिर के महंत मनीष दास, श्रृंगीऋषि आश्रम के पीठाधीश्वर महंत हेमंत दास, कृष्ण गोपाल दास, महंत नागा रामलखन दास सहित सैकड़ों संत-महंत मौजूद रहे।
