रामपुर: दस महीनों में 395 सड़क हादसे, 238 की गई जान

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Published By Pradeep Kumar
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बिना हेलमेट के बाइक सवारों के साथ ज्यादा हुईं घटनाएं

रामपुर, अमृत विचार। यातायात सुरक्षा के लिए तमाम कवायद के बावजूद भी जिले में सड़क हादसों में कमी नहीं आई है। एक जनवरी से 31 अक्तूबर तक दस माह के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जिले में 395 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 236 लोगों घायल हुए, जबकि 238 लोगों को इन हादसों में अपनी जान को गंवानी पड़ी। आंकड़ों के हिसाब से कुल मिलाकर सप्ताह में दो-तीन मौतें सड़क हादसों से हो रहीं हैं।

दिल्ली-लखनऊ हाईवे, नैनीताल हाईवे से लेकर राज्य मार्ग पर पिछले दस महीनों में खून से लाल रहा। आए दिन होने वाले हादसों पर रोक लगाने के लिए शासन की ओर से नई- नई गाइडलाइन जारी होती है। ताकि वाहन चालकों से नियमों के बारे में  बताया जा सके। सड़क की देखभाल और सुरक्षा इंतजामों के लिए टोल टैक्स की वसूली भी होती है, मगर इसके बाद भी  मार्ग पर हादसे होते हैं। कारण है कि कहीं सड़क धंस गई है तो कहीं पटरियां गायब हैं। कहीं सड़क के निर्माण के कारण रेत और मलबा पड़ा होना भी हादसों का कारण होता है। इसे फिसलकर भी हादसे हो जाते हैं। इतना ही नहीं हाईवे पर जगह- जगह बने ब्रेकर भी मानक के अनुरूप नहीं होने के कारण हादसे हो रहे हैं। पिछले दस माह में जिले में 395 घटनाएं हुई। इन घटनाओं में 236 लोगों घायल हुए, इनमें 238 लोगों को इन हादसों में अपनी जान को गंवानी पड़ी। जिससे यह माना जाए कि हर सप्ताह में दो से तीन लोगों की मौत हुई। इनमें अधिकतर हादसे बाइक और स्कूटी सवार बिना हेलमेट के चलाने के कारण हुए हैं, जो चिंता का विषय है।  

10 माह में 27538 वाहनों के काटे चालान
नियमों को दरकिनार कर वाले वाहन चालकों के प्रति ट्रैफिक पुलिस का रवैया हमेशा सख्त रहता है। मुख्य चौराहों पर पुलिस बल तैनात रहता है। टीआई नवनीत कुमार ने बताया कि बिना हेलमेट के बाइक और स्कूटी चलाने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। 10 माह में 27538 वाहनों के चालान काटे गए। जबकि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

हर साल हादसों को रोकने की होती है कवायद
हादसों पर रोक लगाने के लिए शासन की ओर हर साल एक नंवबर से लेकर 30 नवंबर तक यातायात माह चलाया जाता है। जिसमें वाहन चालकों को रोककर जागरूक किया जाता है। यातायात को लेकर रैली निकाली जाती है।हाईवे पर साइन बोर्ड तक पर लिखा होता है।गति पर नियंत्रण रखे। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को यातायात का पाठ पढ़ाया जाता है। मंगलवार को भी पुलिस ने यातायात का पाठ पढ़ाया।

स्पीड बन रही हादसों का कारण
हादसों का कारण स्पीड भी है। चाहे दो पहिया वाहन या फिर चार पहिया वाहन हो, हाथ में आने के बाद वाहन को युवक तेज स्पीड से वाहन चला रहे हैं। इन लोगों की जरा सी लापरवाही इनको मौत की नींद सुला रही है। इन 238 मौतों में कितने ही परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया है। किसी पत्नी ने अपने पति को खो दिया।

बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन ना चलाएं और शराब का सेवन कर ड्राइविंग भी ना करें। अपने और दूसरे परिवार के लोगों की खुशियों का ख्याल रखें। जीवन बेहद अनमोल है इस चीज को समझना होगा। यातायात माह में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।  - विद्या सागर मिश्र, एसपी रामपुर।

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