ललितपुर जेल में हत्यारोपी के पास से मिला मोबाइल फोन, जेलर समेत तीन अधिकारी निलंबित

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। जिला कारागार ललितपुर में हत्या के मामले में बंद विचाराधीन बंदी ज्ञानेंद्र ढाका के पास से मोबाइल फोन बरामद होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आरोपी बंदी पर बागपत जिले के धड़ल गांव निवासी सीबीएसएम स्कूल संचालक कृष्णपाल राणा से बीस लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। जिसके बाद कारागार प्रशासन ने जेलर सहित तीन को निलम्बित कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती मंगलवार रात्रि को बागपत के धडल गांव के सीबीएसएम संचालक कृष्णपाल राणा के मोबाइल पर फोन आया, जिसमें कॉलर ने स्वयं को ज्ञानेंद्र ढाका बताया और हर महीने 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। रुपये न देने पर कृष्णपाल राणा और उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई। बातचीत करीब दो मिनट तीन सेकंड तक चली। 

इसी बीच भाकियू (अराजनैतिक) के मंडल सचिव नरेशपाल पंवार ने भी उसी नंबर पर कॉल कर बातचीत की, तो आरोपी ने उन्हें भी धमकी दी। जिसके बाद बागपत के चांदीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद जब सूचना ललितपुर प्रशासन तक पहुंची, तो डीएम सत्यप्रकाश और एसपी मोहम्मद मुश्ताक समेत कई अधिकारी तत्काल जेल पहुंचे और करीब तीन घंटे तक छानबीन की गई। 

इस दौरान एक कीपैड मोबाइल फोन, एक चम्मच और अन्य वस्तुएं बरामद हुईं। जेल प्रशासन ने बताया कि बंदी ज्ञानेंद्र ढाका को चार माह पूर्व बागपत से प्रशासनिक आधार पर ललितपुर स्थानांतरित किया गया था। वह ढिकौली गांव के हिस्ट्रीशीटर प्रवीण उर्फ बब्बू हत्याकांड में विचाराधीन है और बैरक नंबर दो में रखा गया था।

घटना की गंभीरता को देखते हुए कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले की प्रारंभिक जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक कारागार, कानपुर परिक्षेत्र से कराई। जांच में यह पाया गया कि जेलर जीवन सिंह, उप कारापाल प्रिन्स बाबू और जेल वार्डर आकाश कुशवाहा ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही एवं शिथिलता बरती। जिसके बाद तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की संस्तुति की गई है। 

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