Bareilly : ABVP का आरोप...69 हजार लेकर एक घंटे पहले काट दी थी ऑडिटोरियम की बिजली, रसीद तक नहीं दी
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम में हंगामा और हाथापाई के बाद नाराज राष्ट्रीय स्वयं संघ, विहिप, अभाविप के प्रमुख पदाधिकारियों ने डीएम से मिलकर नगर निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। शिकायती पत्र देकर अराजकता फैलाने वाले और अभद्रता करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
नगर निगम में हुए घटनाक्रम के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर प्रचारक मयंक साधु, विहिप के विभाग संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह सोम, विहिप के महानगर अध्यक्ष विहिप आशू अग्रवाल, महानगर मंत्री संजय शुक्ला, अभाविप के विभाग संगठन मंत्री अवनी यादव, श्रेयांश वाजपेयी, आर्यन चौधरी, राजकुमार राजपूत, नीरज चौरसिया ने गुरुवार दोपहर कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी अविनाश सिंह से उनके कक्ष में करीब 20 मिनट बातचीत की। डीएम को पूरा घटनाक्रम बताया। इस दौरान डीएम को सौंपी शिकायत में पदाधिकारियों ने बताया कि 6 नवंबर को अभाविप का छात्रा सम्मेलन जीआईसी ऑडिटोरियम में हुआ।
नगर निगम ने इसका 62000 रुपये किराया लिया। आरोप लगाया कि पहले जेनरेटर का डीजल 20 लीटर घंटा लिया जाता था, लेकिन इस बार हम लोगों से 50 लीटर प्रति घंटा डीजल लिया गया। कार्यक्रम से एक घंटे पहले ही बिजली बंद करने और कर्मचारियों द्वारा बाहर से गेट बंद कर देने का गंभीर आरोप भी लगाया। डीएम को बताया कि 69 हजार रुपये की राशि की कोई रसीद नहीं दी गई। इन्हीं मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी दोपहर में नगर आयुक्त से मिलने के लिए उनके कार्यालय में ज्ञापन के साथ पहुंचे थे। इस पर बातचीत के मध्य नगर निगम के कर्मचारी और नगर आयुक्त का ड्राइवर कार्यकर्ताओं से धक्का-मुक्की करने लगा।
बात करने गए कार्यकर्ताओं को कार्यालय से बाहर खदेड़ते हुए मारपीट कर दी, जिससे दो-तीन कार्यकर्ताओं के खून निकल आया। घटनाक्रम के बाद विहिप के विभाग संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह सोम नगर निगम पहुंचे और नगर आयुक्त से बात की, उनसे आज काटी गई रसीद को बाहर आकर कार्यकर्ताओं को देने का आग्रह किया। इस पर नगर आयुक्त ने मना कर दिया कि वह रसीद देने बाहर नहीं जाएंगे। इसके बाद नगर आयुक्त कार्यालय से उठकर चले गए। पदाधिकारियों ने डीएम से नगर आयुक्त के कार्यालय में अराजकता करने वाले कर्मचारियों और नगर आयुक्त कार्यालय में अभाविप कार्यकर्ताओं से अभद्रता करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। डीएम ने पूरा घटनाक्रम जानने के बाद प्रकरण की जांच कराने और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।
बजरंग दल सह संयोजक पर दो बार लगाया 10-10 हजार जुर्माना
विहिप के महानगर मंत्री संजय शुक्ला ने डीएम को बताया कि गंदगी के नाम पर नगर आयुक्त ने बजरंग दल प्रखंड सह संयोजक का दो बार 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और कई छोटे दुकानदारों पर बहुत बड़ा जुर्माना लगाया है। वहीं, पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर गोल चक्कर में बहुत गंदगी पड़ी थी, जिसे बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने साफ किया और नगर आयुक्त को यह संदेश देने का प्रयास किया कि सिर्फ गरीब दुकानदारों पर जुर्माना लगाने से ही सुधार नहीं होने वाला, इसके लिए थोड़ा मानवीय भी होना होगा।
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर दिया धरना
नगर निगम में अभद्रता और हाथापाई होने से आक्रोशित अभाविप और विहिप के प्रमुख पदाधिकारी और दर्जनों कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट गेट पहुंचे और नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। अभाविप के विभाग संगठन मंत्री अवनी यादव, श्रेयांश वाजपेयी, आर्यन चौधरी ने नगर आयुक्त के विरुद्ध नारे लगाए। निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला बताते हुए जमकर नारेबाजी की। करीब पौन घंटे तक कलेक्ट्रेट गेट पर धरना प्रदर्शन हुआ।
संघ, विहिप और अभाविप के प्रमुख पदाधिकारियों से बात करने के बाद डीएम ने कलेक्ट्रेट गेट पर धरना दे रहे अभाविप के सभी कार्यकर्ताओं को नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री को भेजकर सभागार बुलवाया। डीएम के बुलाने पर सभी कार्यकर्ता धरने से उठकर सभागार गए। डीएम ने प्रत्येक कार्यकर्ता की बात सुनी। करीब 20 मिनट तक डीएम ने अभाविप के प्रमुख पदाधिकारियों और सभी कार्यकर्ताओं संग बातचीत कर नगर निगम के प्रकरण पर जांच कराकर कार्रवाई की बात कही। डीएम के आश्वासन के बाद सभी कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त कर दिया।
