UP News: हवाई अड्डों पर स्वयं सहायता समूहों के बिक्री केंद्र हों स्थापित, बोले एसपी गोयल- निरंतर वृद्धि के लिए उत्पादों की ब्रांडिंग की जाए

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Published By Muskan Dixit
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 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लखपति महिला कार्यक्रम की बैठक

लखनऊ, अमृत विचार: मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में लखपति महिला कार्यक्रम की दूसरी राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई। बैठक में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को गति देने और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से स्थायी आय सृजन पर चर्चा हुई।

इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि लखपति दीदी कार्यक्रम महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी संबंधित विभागों द्वारा अपनी योजनाओं में समूह की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि वे स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रतिवर्ष एक लाख रुपये से अधिक की स्थायी आय अर्जित कर सकें।

उन्होंने कहा कि ऐसे समूहों की पहचान की जाए, जो अपनी आजीविका में निरंतर बढ़ोत्तरी कर रही हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए और उनके उत्पादों की बेहतर ब्रांडिंग की दिशा में कदम उठाए जाएं। मिशन द्वारा सभी विभागों से समन्वय कर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास सुनिश्चित किए जाएं।

उन्होंने कहा, अस्पताल, प्रमुख पर्यटन स्थल, पुलिस लाइन, आईटीआई, राजकीय पॉलीटेक्निक, चीनी मिलें, बस अड्डे आदि स्थानों पर प्रेरणा कैंटीन संचालित करने के लिए उपयुक्त स्थान आवंटित किए जाएं। राशन की दुकानों पर भी एसएचजी उत्पादों के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाए।

स्ट्रीट लाइट की स्थापना में सूर्य सखियों को दें वरीयता

मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिए कि ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट की स्थापना, संचालन, मरम्मत एवं रखरखाव में सूर्य सखियों को वरीयता दी जाए। यूपीनेडा द्वारा पीएम कुसुम योजना के तहत महिला किसानों को अनुदान पर सिंचाई सोलर पंप वितरित किए जाएं। स्कूल ड्रेस की सिलाई तथा मिड-डे-मील के लिए मसाले एवं खाद्य तेल का क्रय भी समूहों द्वारा किया जाए।

18.55 लाख लखपति और 114 समूह सदस्य ड्रोन दीदी बनीं

बैठक में मिशन निदेशक यूपीएसआरएलएम दीपा रंजन ने बताया कि प्रदेश में 35.94 लाख महिलाओं का चिन्हांकन किया गया, जिनमें से 29.68 लाख महिलाओं का डिजिटल आजीविका रजिस्टर में आय विवरण दर्ज है। वर्तमान में 18.55 लाख लखपति दीदियां बन चुकी हैं। नमो ड्रोन दीदी परियोजना के तहत वर्ष 2024-25 में 114 समूह सदस्य ड्रोन दीदी बनीं। वर्ष 2025-26 के लिए 2283 ड्रोन दीदियों के लक्ष्य के सापेक्ष 493 का चयन हो चुका है। 20 लाख एसएचजी सदस्य पशुपालन कार्य कर रही हैं।

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