दुनिया में बढ़ रही सिंथेटिक जूता-चप्पल की डिमांड, आगरा के फुटवियर उद्योग के पास सुनहरा अवसर
लखनऊ, अमृत विचार: दुनिया में जूते (शूज) के बदलते ट्रेंड और नॉन लेदर जूता-चप्पल की बढ़ती डिमांड, उत्तर प्रदेश के फुटवियर उद्योग के लिए नई राहें खोल रही है। आगरा में फुटवियर एंड मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) मीट में देश-विदेश के करीब 8390 उद्यमी जुटे-जिन्होंने फुटवियर के बदलते ट्रेंड और डिमांड पर मंथन किया। इस मीट का सार ये निकला है कि अब आगरा भी सिंथेटिक लेदर के फुटवियर तैयार करेगा। सिंथेटिक लेदर फुटवियर की बढ़ती मांग, यहां के उद्योग में एक नई जान फूंकेगा।
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एफमेक के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता के मुताबिक आगरा में अभी 125 फुटवियर निर्यातक हैं। भारत की बात करें तो देश फुटवियर निर्यात उद्योग करीब 40 हजार करोड़ का है। इसमें यूपी की भागीदारी 13 हजार करोड़ की है और आगरा से हर साल करीब 5000 करोड़ के फुटवियर निर्यात होते हैं। अगर जूतों की जोड़ी की बात करें तो हर वर्ष लगभग 2.54 करोड़ जोड़ी जूते आगरा निर्यात करता है।
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फुटवियर उद्यमियों के मुताबिक, कई देशों में सिंथेटिक जूता-चप्पल की डिमांड में अचानक से तेजी आई है। कुछ देशों में तो देखा जा रहा है कि 90 फीसदी आबादी बिना लेदर या फिर सिंथेटिक चमड़े का जूता-चप्पल पहनते हैं। इधर, आगरा की बात करें तो यहां से केवल लेदर के जूते ही निर्यात किए जाते हैं। चूंकि अब बाजार से सिंथेटिक लेदर की डिमांड आने लगी है तो ये यहां के फुटवियर उद्योग के लिए अच्छी बात है।
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अब आगरा सिंथेटिक लेदर के फुटवियर डिजाइन पर भी आगे बढ़ेगा। इस पर उद्यमियों के बीच सहमति बनी है। इसका फायदा क्षेत्रवासियों को भी होगा। बाजार में नए अवसर पैदा होने से नौकरियां बढ़ेंगी। उद्योगों को लाभ होगा। फुटवियर उद्योग से जुड़े कारोबारियों के मुताबिक, उद्योगों के लिए शानदार अवसर है। क्योंकि इसमें अलग से किसी अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होगी। उद्योगों के मौजूदा संसाधनों से ही सिंथेटिक लेदर के फुटवियर तैयार किए जा सकेंगे।
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एफमेक के महासचिव प्रदीप वासन के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि आगरा अभी चमड़े के जूतों के बड़े उत्पादक के तौर पर जाना जाता है। सिंथेटिक का जूते की मांग घरेलू बाजार तक सीमित थी। अब दुनिया में सिंथेटिक लेदर की मांग बढ़ रही है तो निश्चित रूप से ये फुटवियर उद्योग के लिए एक अच्छा अवसर है। आगरा भी सिंथेटिक लेदर उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ेगा।
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उद्योग जगत से जुड़े लोगों के मुताबिक सिंथेटिक जूते की कीमत लेदर के जूतों की तुलना में एक तिहाई आती है। युवाओं में इसके आकर्षण का एक बड़ा कारण कीमत में बड़ा अंतर भी है। बहरहाल, इससे आगरा में रोजगार के नए अवसर आएंगे और उद्योगों को भी फायदा होगा
