गुजर गईं पर्यावरणविद् जेन गुडॉल

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Published By Anjali Singh
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हाल ही में जेन गुडॉल संस्थान की संस्थापक का निधन अमेरिका के वाशिंगटन (डीसी) स्थित जेन गुडॉल संस्थान की संस्थापक डॉ. जेन गुडॉल का निधन हो गया। 91 वर्ष की आयु में, वे संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने व्याख्यान दौरे के लिए लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया में थीं और नींद में ही शांतिपूर्वक चल बसीं।

डॉ. गुडॉल के जीवन और कार्य ने केवल चिम्पांजी और अन्य प्रजातियों के बारे में हमारी समझ पर, बल्कि मानव जाति और हमारे साझा पर्यावरण पर भी एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने दुनियाभर के अनगिनत लोगों में जिज्ञासा, आशा और करुणा को प्रेरित किया और कई अन्य लोगों के लिए मार्ग प्रशस्त किया। विशेष रूप से युवाओं के लिए जिन्होंने उन्हें भविष्य के लिए आशा दी।

1960 में डॉ. गुडॉल ने तंजानिया के गोम्बे राष्ट्रीय उद्यान में सबसे लंबे समय तक चलने वाले जंगली चिम्पांजी अध्ययन की स्थापना की, जो आज भी जारी है। उन्होंने चार दशकों से भी अधिक समय तक चिम्पांजी क्षेत्र में जेन गुडॉल संस्थान की समुदाय-केंद्रित संरक्षण पहलों का बीड़ा उठाया और उन्हें बनाए रखा। उनकी विरासत में जेजीआई का अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण और मानवीय युवा कार्यक्रम रूट्स एंड शूट्स का निर्माण शामिल है, जो दुनियाभर के 75 से अधिक देशों में सक्रिय रूप से बदलाव ला रहा है।