रोमांच की सैर : अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में पहले 15 दिनों में पहुंचे 375 पर्यटक

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Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटन सीजन की शुरुआत उत्साहजनक है। पर्यटकों के लिए 2 नवंबर से खोले गए रिजर्व में लगातार हर दिन औसतन 25 पर्यटक पहुंच रहे हैं। 

वन विभाग के अनुसार शुरुआती 15 दिनों यानी 16 नवंबर तक 375 से अधिक पर्यटक यहां घूमने पहुंचे। पर्यटकों की यह संख्या रिजर्व के लिए उत्साहजनक मानी जा रही है। वन सरंक्षक रमेश चंद्र ने बताया कि रिजर्व में रोजाना पर्यटकों की अच्छी खासी आवाजाही हो रही है। लोग परिवारों के साथ यहां वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आ रहे हैं। पर्यटन की इस शुरुआत से अब तक विभाग को अच्छा-खासा राजस्व भी प्राप्त हुआ है।

इतने में हो रहा है जंगल सफर
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में घूमने के लिए पर्यटकों को कुल चार प्रकार के शुल्क देने होते हैं। जिप्सी शुल्क 2,280 रुपये, गाइड शुल्क 400 रुपये, वाहन प्रवेश शुल्क 300 रुपये प्रति वाहन और प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क 100 रुपये है। आमतौर पर एक जिप्सी में अधिकतम छह पर्यटक सवारी कर सकते हैं। औसत के आधार पर अगर हर दिन लगभग चार जिप्सी रिजर्व में जाती हैं तो 15 दिनों में करीब 60 जिप्सियों की पार्किंग और सफारी दर्ज होगी।

16 नवंबर तक का राजस्व अनुमान
वन विभाग के अनुसार औसतन 25 पर्यटकों के हिसाब से 15 दिनों में कुल लगभग 375 पर्यटक पहुंचे। अब इन शुल्कों के आधार पर विभाग को प्राप्त राजस्व का अनुमान लगाया गया है। जिप्सी शुल्क (60 जिप्सी × 2,280 रुपये) = 1,36,800 रुपये, गाइड शुल्क (60 बार × 400 रुपये) = 24,000 रुपये, वाहन प्रवेश शुल्क (हर जिप्सी पर) = 18,000 रुपये, प्रवेश शुल्क (375 पर्यटक × 100 रुपये) = 37,500 रुपये। इस तरह कुल अनुमानित राजस्व लगभग 2,16,300 रुपये बनता है।

पर्यटकों में बढ़ा उत्साह
डीएफओ जयसिंह कुशवाहा ने बताया कि पर्यटकों के अनुसार रिजर्व की हरियाली, टाइगर ट्रेल्स और पक्षियों की प्रजातियों को देखना रोमांचक अनुभव देता है। कई लोगों ने यहां पहली बार आकर जंगल सफारी का आनंद लिया। स्थानीय गाइडों के मुताबिक रोजाना ज्यादा से ज्यादा बुकिंग आने लगी हैं, जिससे आसपास के इलाकों के होटल और वाहन चालक भी लाभ कमा रहे हैं। शुरुआती दौर में ही इतने पर्यटक पहुंचना यह संकेत है कि अमानगढ़ टाइगर रिजर्व अब आकर्षण का केंद्र बन रहा है। आने वाले दिनों में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं और बेहतर की जा रही हैं ताकि आगंतुकों को सहज अनुभव मिल सके।

स्थानीय रोजगार को भी मिला सहारा
पर्यटन की इस गतिविधि से न केवल वन विभाग बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिला है। दर्जनों गाइड, जिप्सी चालक और स्थानीय भोजनालय इससे जुड़ गए हैं। बढ़ते पर्यटकों से स्थानीय बाजारों में भी रौनक लौट आई है। अधिकारियों का का मानना है कि सर्दियों के मुख्य सीजन में दिसंबर-जनवरी के बीच पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, जिससे प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और विभागीय राजस्व में भी इजाफा होगा।

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