Bareilly: नाथनगरी में गूंजेगी सभ्यता की पांच हजार साल पुरानी गाथा, शहर बनेंगी 19 फोकस वॉल
बरेली, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना से नाथनगरी अब सांस्कृतिक-आध्यात्मिक कला के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित होने जा रही है। शहर के प्रमुख चौराहों, मार्गों, धार्मिक स्थलों और सरकारी परिसरों में 19 भव्य फोकस वॉल का निर्माण किया जाएगा। आयुक्त कार्यालय, स्टेडियम रोड, सुरेश शर्मा नगर चौराहे समेत कई स्थानों पर फोकस वॉल का निर्माण शुरू हो गया है। इन पर फाइनल टच दिया जा रहा है।
भित्ति वॉल पर भारत की प्राचीन सभ्यता, नाथ परंपरा, महाभारत कालीन इतिहास और स्थानीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहरों का शानदार प्रदर्शन होगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप युवाओं को भारत के गौरवशाली अतीत, प्राचीन और समृद्धशाली संस्कृति से परिचय कराया जाएगा। ये भित्ति वॉल युवाओं और पर्यटकों को बरेली के पांच हजार वर्ष पुराने इतिहास और आध्यात्मिक विरासत से जोड़ने का माध्यम बनेंगी।
फोकस वॉल का विचार मुख्यमंत्री की उस परिकल्पना से प्रेरित है, जिसमें उत्तर प्रदेश की सभ्यता को ग्लोबल टूरिज्म मॉडल से जोड़कर रोजगार, पर्यटन और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को बढ़ाना शामिल है। इन फोकस वॉल पर बनने वाले भित्ति-चित्र अजंता-एलोरा की शैली पर आधारित होंगे। चित्रों में भगवान शिव के त्रिशूल और डमरू, नाथ योगियों के प्रतीक, देवी-देवताओं की आकृतियां, बरेली की आध्यात्मिक पहचान, महाभारतकालीन नगर की विरासत और स्थानीय लोककला को जीवंत कलात्मक स्वरूप दिया जाएगा। पर्यटन विभाग ने सर्वे करने के बाद ऐसे स्थानों को चुना है। जहां से सबसे ज्यादा पर्यटक और राहगीर गुजरते हैं।
शहर में इन जगहों पर बनेगी फोकस वॉल
शहर के मनोहर भूषण इंटर कॉलेज ग्राउंड, एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय, सुरेश शर्मा नगर चौराहा, डीडीपुरम पार्क, नियर स्टेडियम, कुदेशिया अंडरपास, बीसलपुर चौराहा, विकास भवन चौराहा, आयुक्त कार्यालय, उद्योग विभाग कार्यालय, त्रिवटी नाथ मंदिर मैकेनियर रोड, सौ फुटा तिराहा आदिनाथ चौक, इन्वर्टिस तिराहा बड़ा बाईपास, रेलवे स्टेशन, मिनी बाईपास इज्जतनगर रेलवे स्टेशन, झुमका तिराहा और पर्यटन कार्यालय रोहिला होटल वॉल।
नाथनगरी धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन मार्ग में होगी शामिल
- पर्यटन विभाग के अनुसार फोकस वॉल बनने के बाद नाथनगरी को उत्तर प्रदेश के धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन मार्ग में शामिल करने का भी प्रस्ताव है। नैनीताल, रामनगर, काठगोदाम, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दुधवा नेशनल पार्क और उत्तराखंड की ओर जाने वाले हजारों पर्यटक रोज बरेली से गुजरते हैं, लेकिन शहर के वास्तविक सांस्कृतिक वैभव से अनजान रहते हैं।
6.21 करोड़ रुपये की लागत से बदलेंगे शहर के तिराहे और चौराहे
- परियोजना पर करीब 6 करोड़ 21 लाख 33 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने कहा कि बरेली केवल झुमका तक ही सीमित नहीं है। यह योगियों, सिद्ध-नाथों, ऋषि-मुनियों और प्राचीन सभ्यता का नगर है। फोकस वॉल आने वाली पीढ़ियों को बरेली की असली आत्मा से परिचित कराएगी। यह न सिर्फ शहर के सौंदर्यीकरण की योजना है, बल्कि बरेली के सांस्कृतिक पुनरुद्धार और पर्यटन अर्थव्यवस्था की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
