कैंपस का पहला दिन: आइए एक दूसरे के जानने की शुरुआत करें
स्कूल के दिनों से ही हम सब कॉलेज लाइफ की चमकदार कहानियां सुनते आते हैं। कॉलेज में कोई नहीं रोकेगा, वहां असली आजादी मिलेगी, यूनिफॉर्म नहीं, नए दोस्त, नए सपने, नए अनुभव…इन्हीं ख्वाबों को अपने दिल में सजाए, मैं 16 अगस्त 2019 की सुबह Invertis University के विशाल गेट के सामने खड़ी थी। थोड़ी देर से एडमिशन लेने की वजह से यह दिन और भी खास था, जैसे मेरी खुद की कहानी अब शुरू हो रही हो। कॉलेज के पहले दृश्य ने दिल जीत लिया। जब मेरी नजर उस बड़े, खूबसूरत कैंपस पर पड़ी, तो आंखें खुद-ब-खुद बड़ी हो गईं। वो चौड़ा गेट, ऊंची-ऊंची इमारतें, चारों ओर हरियाली, छात्रों की भीड़, हंसी की आवाजें, लॉन में बैठे स्टूडेंट्स, हर तरफ नई ऊर्जा की गूंज थी।
सब कुछ फिल्मी था, जैसे किसी फिल्म का सेट हो और मैं उस कहानी की नई किरदार। पर इतना असली कि उस पल मेरी धड़कनें तेज हो गईं। दिल में अचानक एक उम्मीद जग गई कि हां! यही है, वो जगह जहां मेरा सपना जी उठेगा।क्लासरूम में कदम रखते ही एक अलग माहौल महसूस हुआ। सभी स्टूडेंट्स casual कपड़ों में, हंसी से भरा माहौल, थोड़ी-सी घबराहट, पर उससे कहीं ज्यादा उत्साह में बैठे थे।
हर चेहरा जैसे एक नई कहानी लेकर आया था। कोई नए जूते दिखा रहा था, कोई अपनी जगह ढूंढ रहा था, कोई किसी से बस यूं ही बात शुरू कर रहा था और फिर मेरी नज़र सामने खड़े एक व्यक्ति पर पड़ी, पहले तो लगा कोई सीनियर होंगे, लेकिन कुछ ही क्षणों बाद पता चला कि वो हमारे HOD हैं। HOD होकर भी इतने कूल कि लगा जैसे कॉलेज की किताबें नहीं, जिंदगी खुद हमें पढ़ाने आई हो।
पहले ही दिन HOD सर ने कहा, “Books later… Let’s start by knowing each other.” फिर शुरू हुई एक-एक करके introductions की बारिश, किसी ने कहा उसे singing पसंद है, किसी ने बताया कि वो शहर पहली बार छोड़कर आया है, किसी ने अपने भविष्य के सपने सुनाए और इन छोटी-छोटी बातों ने हम सबको एक-दूसरे के करीब ला दिया। उनका पढ़ाने का तरीका सबसे अलग, दिन की शुरुआत ice-breaking session से करते थे, कहानियों के जरिये पढ़ाते, practicals से समझाते और अपने अनुभवों के सहारे हमारे सपनों में नई उड़ान भर देते। हमेशा सुनती थी कि कॉलेज में कोई नहीं रोकेगा। पहले दिन ही समझ आ गया कि वो ऐसा क्यों कहते हैं। यहां कोई सख्त अनुशासन नहीं, कोई यूनिफॉर्म नहीं, कोई डर नहीं… क्योंकि कॉलेज में सिर्फ मिली सब कुछ सीखने और खुद को पहचानने की पूरी आजादी। कॉलेज की पहली हवा ही अलग थी, खुली, आजादी और उम्मीदों से भरी।
क्लास के बीच-बीच में हम सभी एक-दूसरे को जानने लगे। कौन कहां से आया है, किसके क्या सपने हैं, हर बातचीत से एक नया रिश्ता बनता चला गया। कब मैं अपने पहले ग्रुप का हिस्सा बन गई, ये मुझे खुद भी नहीं पता चला। कॉलेज का जादू यही है। यहां हर कोई एक-दूसरे से बात करता है, रिश्ते खुद-ब-खुद बन जाते हैं, और अजनबी दोस्त बन जाते हैं। उस दिन की हंसी, वो नए चेहरे, वो अनजाना सा अपनापन, सबने मिलकर मेरे पहले दिन को “यादगार” और “दिल के करीब” बना दिया। Invertis University का मेरा पहला दिन मेरे जीवन का वो मोड़ था, जिसने मेरे सपनों को दिशा दी और मुझे एक नए सफर के लिए तैयार किया।-निकिता चौधरी, बरेली
