बाराबंकी : मंत्री सतीश शर्मा बोले- नई शिक्षा नीति से स्वदेशी नवाचार को मिलेगा नया जीवन

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Published By Deepak Mishra
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जनेस्मा में हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

बाराबंकी, अमृत विचार। जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पीजी कॉलेज (जनेस्मा) में शनिवार को हिंदुस्तानी एकेडमी प्रयागराज और प्रज्ञा प्रवाह के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। ज्ञान पुनर्जागरण एवं नवाचार पर केंद्रित इस संगोष्ठी में उच्च शिक्षा में स्वदेशी दृष्टिकोण को नई दिशा देने पर जोर दिया गया। 

उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष डॉ. अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) उच्च शिक्षा का बड़ा नवाचार है, जिसे भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़कर उपयोग करना चाहिए। राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रिजेन्द्र सिंह ने उच्च शिक्षा में एआई के अनुप्रयोग और स्वदेशी ज्ञान में नवाचार पर विस्तृत विचार साझा किए। 

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि भारत की संस्कृति में विज्ञान स्वतः निहित है। गुलामी के कारण सनातन शिक्षा पद्धति को क्षति पहुंची, लेकिन नई शिक्षा नीति स्वदेशी नवाचार को पुनर्जीवित करने का अवसर दे रही है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ. सीताराम सिंह ने महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। 

जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने आधुनिक शिक्षा में धर्म, विज्ञान, परंपरा और आधुनिकता के समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। संगोष्ठी में शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जबकि अपराह्न 4 बजे आयोजित काव्य संध्या ने कार्यक्रम को और आकर्षक बनाया। कार्यक्रम ने शिक्षा जगत को ज्ञान पुनर्जागरण और स्वदेशी नवाचार की दिशा में प्रेरित किया।

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