लखनऊ : पहलगाम हमले का साजिशकर्ता बता बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 27 लाख

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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एटीएस और एनआईए अधिकारी बनकर पांच दिन तक कॉल पर रखा, दी धमकी

लखनऊ, अमृत विचार। साइबर जालसाजों ने खुद को एटीएस और एनआईए अधिकारी बताकर जानकीपुरम निवासी 77 वर्षीय बुजुर्ग रामशंकर त्रिवेदी को वीडियो कॉल पर डराया-धमकाया और पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 27 लाख रुपये ठग लिए। जालसाजों ने आरोप लगाया कि वह पहलगाम आतंकी हमले में शामिल हैं और आतंकियों की फंडिंग में मदद कर कमीशन ले रहे हैं। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

रामशंकर त्रिवेदी ने बताया कि 7 नवंबर की दोपहर करीब 2:43 बजे उनके पास व्हाट्सएप कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) अधिकारी बताया और कहा कि वह पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में शामिल हैं तथा आतंकियों को 70 करोड़ की मदद की है, जिसमें 70 लाख रुपये का कमीशन उन्हें मिला। बुजुर्ग ने इन आरोपों से इंकार किया तो उन्हें धमकाया गया।

बाद में वीडियो कॉल पर वर्दी पहने एक व्यक्ति ने खुद को एनआईए अधिकारी बताया और धमकाया कि जांच के तहत उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। लगातार तीन दिन धमकाने के बाद जालसाजों ने उन्हें दो बैंक खातों में 27 लाख रुपये जमा करने को कहा। रामशंकर ने 10 नवंबर को 10 लाख और 11 नवंबर को 17 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से भेज दिए। जांच अधिकारी ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। दो बैंक खातों में जमा किए गए पैसे फ्रीज करने की प्रक्रिया चल रही है।

ऐसे करें डिजिटल अरेस्ट से बचाव
  1. अंजान नंबर से व्हाट्सएप या वीडियो कॉल आने पर सतर्क रहें।
  2. कोई भी सरकारी एजेंसी कॉल पर बैंक डिटेल नहीं मांगती।
  3. सरकारी एजेंसी के नाम पर धमकाए जाने पर तुरंत पुलिस से शिकायत करें।
  4. संदिग्ध कॉल, मैसेज या लिंक पर बिना जांच प्रतिक्रिया न दें।
यहां करें ठगी की शिकायत
  • साइबर थाने, साइबर सेल या निजी थाने में रिपोर्ट करें।
  • टॉल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें।
  • www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें।

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