यूपी का हेल्थ रेवॉल्यूशन: 25 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर और 81 मेडिकल कॉलेज, देश का नंबर-1 हेल्थ मॉडल, बोले ब्रजेश- प्रदेश निभा रहा निर्णायक भूमिका

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Published By Muskan Dixit
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मातृ और शिशु मृत्यु दर घटाने को सरकार का फोकस, सीएचसी स्तर पर बढ़ीं सुविधाएं

'विकसित यूपी कॉन्क्लेव' में नीति आयोग और विशेषज्ञों की भागीदारी, स्वास्थ्य क्षेत्र को बनाया विकास का इंजन

लखनऊ, अमृत विचार: उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमारा संकल्प है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को वही अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों, जो आज केवल महानगरों में मिलती हैं। हमारी कोशिश है कि एडवांस मेडिकल सुविधाएं जिले और तहसील स्तर तक पहुंचें और उत्तर प्रदेश विकसित भारत के स्वास्थ्य मॉडल का नेतृत्व करे।

उप मुख्यमंत्री सोमवार को राजधानी स्थित निजी होटल में 'विकसित यूपी कॉन्क्लेव ' में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित विकसित भारत 2047 के विज़न को साकार करने में उप्र. की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। इस वक्त प्रदेश में 25 हजार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 3500 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 200 से अधिक विशिष्ट अस्पताल और 81 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा 102-108 का रेस्पॉन्स टाइम कम किया गया है, जिससे आपातकालीन सेवाओं की गति और दक्षता बढ़ी है। उन्होंने बताया कि सरकार संस्थागत प्रसव दर को बढ़ाते हुए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने पर निरंतर कार्य कर रही है। विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं अब जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी राहत मिली है।

चिकित्सा स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकश्वर शरण सिंह ने कहा कि विकसित उप्र. ही विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा और इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका निर्णायक रहेगी। आर्थिक प्रगति का आधार स्वस्थ जनसंख्या है और इसी दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर सुधार कर रही है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, जी.एन. सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ऋतु महेश्वरी, सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक एनएचएम पिंकी जोवेल, सचिव चिकित्सा शिक्षा अपर्णा यू, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतनपाल सुमन, विशेष सचिव धीरेन्द्र सचान, तथा आर्यका अखौरी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

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