ओवरलोड ट्रकों का बेखौफ खेल जारी..जिम्मेदारों की मिलीभगत से फल-फूल रहा अवैध मौरंग कारोबार
अमित कुमार पांडेय, लखनऊ, अमृत विचारः राजधानी में ओवरलोड ट्रकों की एंट्री पर रोक सिर्फ कागजों में रह गई है। हकीकत यह है कि शहर के कई इलाकों में गिट्टी-मौरंग से लदे ओवरलोड वाहनों की लगातार आवाजाही चल रही है और परिवहन विभाग तमाशबीन बना हुआ है। जिम्मेदार अधिकारी चाहकर भी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं या फिर कार्रवाई करने की मंशा ही नहीं दिख रही।
सूत्रों के अनुसार लखनऊ में आईआईएम रोड, किसान पथ बवुरिया, शहीद पथ और ट्रांसपोर्ट नगर स्थानों पर अवैध मौरंग मंडियां सक्रिय हैं, जहां से 700 से ज्यादा ओवरलोड वाहनों को शहर में प्रवेश दिलाया जा रहा है। इससे न केवल सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि यह संदेह भी गहराता जा रहा है कि इस पूरे खेल में संबंधित विभागों के कुछ अधिकारी सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। पड़ताल करने पर पता चला कि कानपुर रोड पर बंथरा से सरोजनीनगर की ओर नो एंट्री है।
इसके बावजूद ट्रको को बिना जांच-परख के गुजारा रहा हैं। कुछ ट्रक मोहनलालगंज होते हुए भी शहर में प्रवेश कर रहें है जिससे यह आशंका और मजबूत होती है कि या तो अधिकारी मिलकर काम कर रहे हैं या फिर उनकी आंखों में धूल झोंककर वाहन आसानी से पार करा दिए जा रहे हैं।
राज्य सरकार भले ही ओवरलोडिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कर रही हो और एसटीएफ स्तर पर कार्रवाई भी चल रही हो, लेकिन राजधानी में इसका कोई ठोस असर नजर नहीं आता। इन स्थानों पर खुलेआम अवैध वसूली और ओवरलोड वाहनों की आवाजाही का खेल चल रहा है। यह नेटवर्क इतना मजबूत है कि कार्रवाई होना तो दूर, शिकायतें भी दबा दी जाती हैं।
जिन गाड़ियों की एंट्री हो रही है, वे अपने स्रोत स्थानों से ही किसी न किसी तरीके से निकलकर आ रही हैं। लखनऊ में क्षमता के अनुसार अधिकारियों की कमी है, जिसके कारण बाहर से आने वाले ओवरलोड वाहनों को रोकना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। यदि जिले में टास्क फोर्स सक्रिय हो जाए तो संयुक्त टीम प्रभावी कार्रवाई कर सकती है और ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाया जा सकता है।-प्रभात पांडेय,आरटीओप्रवर्तन, लखनऊ
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