भारतीय फार्मेसी शिक्षा के स्तंभ प्रो.एसएन. शर्मा का निधन, युवाओं को दिया यह खास संदेश

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार : भारतीय फार्मेसी शिक्षा के स्तंभ प्रो. एस.एन. शर्मा का 100 वर्ष की आयु में शनिवार को निधन हो गया। उनके निधन से फार्मसी जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनका अन्तिम संस्कार रविवार को गुरुग्राम के सेक्टर-39 स्थित मोक्ष धाम में किया गया है। 

प्रो. एसएन. शर्मा ने निधन से पहले अपने प्रिय शिष्य प्रोफेसर हरलोकेश के माध्यम से युवाओं को अंतिम संदेश दिया भी दिया, जो अत्यंत भावुक करने वाला और प्रेरणा देने वाला है। संदेश में उन्होंने कहा कि "हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकल के, इस देश को रखना मेरे बच्चों संभल के", फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने प्रो.एसएन.शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है और कहा कि हमसभी के लिए उनका जाना अपूरणीय क्षति है। उन्होंने बताया कि प्रो. शर्मा ने अपने सात दशकों से अधिक लंबे शैक्षणिक व शोध-कार्यकाल में भारत ही नहीं विदेशों में भी फार्मेसी शिक्षा को नई दिशा प्रदान की। वे अपनी अद्भुत वाक्-शैली, गहन विद्वता, अनुशासित जीवन-दृष्टि, निष्ठावान शिक्षकीय मूल्यों के लिए पूरे देश में सम्मानित रहे। भारतीय फार्मेसी जगत के लिए उनका योगदान सदैव प्रेरणा देता रहेगा। उनका जाना न केवल फार्मेसी जगत के लिए, बल्कि समूचे स्वास्थ्य-शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

वैज्ञानिक समिति के चेयरमैन प्रोफेसर हरलोकेश यादव, सलाहकार प्रो पी वी दीवान, महामंत्री अशोक कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पी नायक, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, शिव कारण यादव, संगठन मंत्री आरपी सिंह, सहित पूरे परिवार ने दिवंगत आत्मा के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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