Bareilly : टैक्स बकाया होने पर एक भवन, दो व्यावसायिक प्रतिष्ठान और पांच दुकानें सील
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम ने सालों से बकाया भारी-भरकम टैक्स की वसूली के लिए भवनों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सीलिंग की कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम की टीम ने बुधवार को लाखों का टैक्स बकाया होने पर एक भवन, दो व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और पांच दुकानों को सील किया। वहीं एक होटल मालिक समेत चार बकायेदार बकाया जमा करके सीलिंग कार्रवाई रुकवाने में कामयाब रहे। निगम ने पूर्व में एक लाख से अधिक के बड़े बकायेदारों को अंतरिम नोटिस जारी कर टैक्स भुगतान न करने पर कुर्की का आदेश जारी किया था। इसके बावजूद न चेतने पर अब कार्रवाई आरंभ कर दी गई है।
निगम अधिकारियों के अनुसार कुर्की का आदेश जारी होने के बाद बड़ी संख्या में बकायेदारों ने निगम कोष में टैक्स जमा करना आरंभ कर दिया है, लेकिन जिनकी समयावधि पूर्ण हो चुकी है उन पर कार्रवाई आरंभ हो गई है। इसी क्रम में बुधवार को टीम सबसे पहले मॉडल टाउन स्थित राजेंद्र कुमार माहेश्वरी के व्यावसायिक भवन पर पहुंची। भवन स्वामी ने वर्ष 2014 से निगम में टैक्स जमा नहीं किया है। इसके चलते भवन पर निगम का लगभग 60 लाख 36 हजार रुपये कर बकाया है। इस पर इस भवन पर सीलिंग की कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही कटरा चांद खां स्थित अरविंद कुमार के भवन पर निगम का 16,47,997/- रुपये का बकाया है।इसके चलते उनकी 5 दुकानें सील की गईं। इसके साथ ही जुल्फिकार गंज निवासी सोहित गुप्ता पुत्र सतीश चंद्र के व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर बकाया धनराशि 13,60,201.65 रुपये और आलमगिरी गंज निवासी राम चन्द्र पुत्र वेगराज के व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर बकाया धनराशि 3,69,813.98 रुपये जमा न किये जाने के सीलिंग की कार्रवाई की गई।
होटल रॉयल चीयर्स पर 5,50,848 रुपये का बकाया होने पर सीलिंग से बचने को भवन स्वामी ने 50 हजार रुपये सम्पत्ति कर कोष में जमा करा दिया। वहीं तीन अन्य बकायेदारों ने टीम पहुंचने पर फौरन बकाया राशि जमा करने पर प्रतिष्ठानों को सील नहीं किया गया है।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि बड़े बकायेदारों को पूर्व में नोटिस के साथ ही कुर्की संबंधी अंतरिम नोटिस जारी किए गए थे। बड़ी संख्या में बकायेदारों ने निर्धारित समय में टैक्स जमा भी किया है, लेकिन जिन्होंने भुगतान नहीं किया है संंबंधित भवनों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। करदाता समय पर टैक्स का भुगतान कर कार्रवाई से बचें।
