Moradabad: कॉर्बेट पार्क में हाई अलर्ट, वनकर्मियों की छुट्टियां रद्द, यूपी से लगती सीमा पर ड्रोन कैमरों से निगरानी

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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रामनगर, अमृत विचार। नए साल और 31 दिसंबर के जश्न को देखते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) प्रशासन ने पूरे पार्क क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने वनकर्मियों की छुट्टियां रद्द करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया गया है।

सीटीआर के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि 25 दिसंबर (क्रिसमस) और 31 दिसंबर (न्यू ईयर) के दौरान पर्यटकों की आवाजाही काफी बढ़ जाती है। इसी दौरान अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों की सक्रियता की संभावना भी बढ़ जाती है, इसे देखते हुए पूरे टाइगर रिजर्व में अलर्ट जारी किया गया है। कॉर्बेट प्रशासन का साफ संदेश है कि जंगल और वन्यजीवों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा और नए साल के जश्न के दौरान हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

निदेशक ने बताया कि खासतौर पर कॉर्बेट पार्क की दक्षिणी सीमा, जो उत्तर प्रदेश से लगती है, वहां लगातार ई-सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन कैमरों और आधुनिक उपकरणों के जरिए निगरानी की जा रही है। सीटीआर के संवेदनशील इलाकों में इस दौरान शिकारियों और वन्यजीव तस्करों की घुसपैठ की आशंका अधिक रहती है। त्योहारों और जश्न के माहौल के बीच असामाजिक तत्व जंगलों में सक्रिय हो सकते हैं, इसी आशंका के मद्देनजर पार्क प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है। हालांकि फिलहाल विभाग को किसी प्रकार का ठोस खुफिया इनपुट नहीं मिला है, फिर भी एहतियात के तौर पर सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं।
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हाथियों से गश्त, एंबुश पेट्रोलिंग
सीटीआर निदेशक के अनुसार, वन्यजीवों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कॉर्बेट पार्क में दर्जनों गश्ती टीमें तैनात की गई हैं। हाथियों और डॉग स्क्वायड की मदद से लगातार जंगलों में गश्त की जा रही है। जिन इलाकों से अपराधियों के प्रवेश की आशंका रहती है, वहां विशेष निगरानी बढ़ा दी गई है। संवेदनशील स्थलों पर एंबुश पेट्रोलिंग भी की जा रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। साथ ही पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि नए साल के दौरान बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही उनकी गतिविधियों से वन्यजीवों को भी कोई नुकसान न पहुंचे।

 

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