मुरादाबाद: आखिर ऐसे हालात में कैसे बनेंगे तेंदुलकर और ध्यानचंद

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

मुरादाबाद,अमृत विचार। सोनकपुर स्टेडियम की व्यवस्थागत खामी से खिलाड़ी जूझ रहे हैं। इधर, बारिश से अभ्यास प्रभावित हो रहा है। कोचों की कमी जारी है, जिसकी कहीं सुनवाई नहीं है। ऐसे कई मामले हैं जिससे खिलाड़ियों का मन डरा हुआ है। प्रतियोगिता की तैयारी वाले खिलाड़ियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। …

मुरादाबाद,अमृत विचार। सोनकपुर स्टेडियम की व्यवस्थागत खामी से खिलाड़ी जूझ रहे हैं। इधर, बारिश से अभ्यास प्रभावित हो रहा है। कोचों की कमी जारी है, जिसकी कहीं सुनवाई नहीं है। ऐसे कई मामले हैं जिससे खिलाड़ियों का मन डरा हुआ है। प्रतियोगिता की तैयारी वाले खिलाड़ियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि फरवरी माह में अंडर-19 का मंडल स्तरीय टूर्नामेंट आयोजित होना है।

महानगर में सिर्फ एक ही सरकारी स्टेडियम होने की वजह से युवा व खिलाड़ी यहां अभ्यास के लिए आते हैं, लेकिन स्टेडियम गहरा होने के कारण थोड़ी बारिश के बाद ही पानी भर जाता है। स्टेडियम में पानी निकासी की व्यवस्था न होने से काफी परेशानी हो रही है। प्रतिदिन सुबह में मॉर्निंग वॉक करने आने वाले लोगों के साथ ही क्रिकेट व फुटबॉल खिलाड़ियों का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आखिर ऐसे हालात में तेंदुलकर और ध्यानचंद कैसे बनेंगे।

राज्य व उच्च स्तरीय दौड़ प्रतियोगिता की तैयारी के लिए काफी संख्या में युवा आ रहे हैं। कुछ दिनों से स्टेडियम में पानी के कारण अभ्यास पूरा नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में स्टेडियम में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। अधिकारी व जनप्रतिनिधि यहां समस्याओं को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं हैं।

खिलाड़ियों को सिथेंटिक ट्रैक का इंतजार
सिथेंटिक ट्रैक के न होने का खामियाजा खिलाड़ियों को बरसात में भुगतना पड़ता है। इसको लेकर छात्रों ने कई बार अधिकारियों से बात की। लेकिन आश्वासन के सिवाए कोई समाधान न हो सका। जिसका खिलाड़ियों को अभी तक इंतजार है।

संसाधन के अभाव में अभ्यास प्रभावित
खिलाड़ियों के लिए जरूरी संसाधन जैसे खेल किट, क्रिकेट नेट, एस्ट्रोटर्फ आदि न होने की वजह से अभ्यास प्रभावित हो रहा है। जबकि जिम्मेदारों का कहना है कि इस बार विभाग की ओर से बजट नहीं आया। जिस वजह से इस बार खिलाड़ियों को उपलब्ध नहीं हो सके हैं।

खिलाड़ियों को कोच का इंतजार
सोनकपुर स्टेडियम में हॉकी, जुडो और बाक्सिंग के ही स्थाई कोच हैं। इसके अलावा फुटबॉल, बास्केटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन के कोच के लिए खिलाड़ियों को इंतजार है। कोच के न होने से खिलाड़ियों को सीनियर खिलाड़ियों को निर्देशन में अभ्यास करना पड़ रहा है। जो अभ्यास का सबसे बड़ा कारण है।

क्या कहते हैं खिलाड़ी
इकलौता स्टेडियम होने के कारण यहां काफी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए आते हैं, लेकिन स्टेडियम में पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं रहने से काफी परेशानी होती है। कई बार विभागीय अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासनों के कोई ठोस पहल नहीं की गई है। -सचिन आर्य, खिलाड़ी

जरूरी संसाधन नहीं हैं। कई गेम के कोच तक नहीं हैं। सरकार का दावा पूरी तरह मौके पर सही नहीं दिख रहा है। ग्राउंड में पानी भर जाने से गेम कम से कम एक सप्ताह अभ्यास पीछे चला जा रहा है। इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा । -आर्यन ठाकुर, खिलाड़ी

स्टेडियम में बास्केट बॉल का ट्रैक सिथेंटिक है। इसके अलावा अन्य खेलों के लिए सिथेंटिक ट्रैक न होने की वजह से खिलाड़ियों को परेशानी होती है। उच्च अधिकारी को इस ट्रैक को लगवाने के लिए अवगत करा दिया है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा। -अनिमेष सक्सेना, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी

संबंधित समाचार