बरेली: स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद कर मनाया आजादी का अमृत महोत्सव
अमृत विचार, बरेली। रोहिलखंड मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डा.केशव कुमार अग्रवाल, कुलपति डा.लता अग्रवाल, प्रति कुलाधिपति डा.अशोक कुमार अग्रवाल, प्रति कुलपति डा.किरन अग्रवाल, प्राचार्य डा.चंद्र मोहन ने मुख्य रूप से …
अमृत विचार, बरेली। रोहिलखंड मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डा.केशव कुमार अग्रवाल, कुलपति डा.लता अग्रवाल, प्रति कुलाधिपति डा.अशोक कुमार अग्रवाल, प्रति कुलपति डा.किरन अग्रवाल, प्राचार्य डा.चंद्र मोहन ने मुख्य रूप से मौजूद रहे। इस दौरान 1857 की क्रांति से लेकर आजादी के वर्ष 1947 तक वीरगति को प्राप्त होने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया गया।
इस मौके पर बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डा.केशव अग्रवाल ने शहीदों को याद करते हुए छात्रों को देश भक्ति की राह पर चलने की प्रेरणा दी। कहा कि हमें स्वतंत्रता के लिए वीरों द्वारा दी गई शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देना है, उन्होंने जो सपना देखा था, हमें वह पूरा करना है। भारत पूरी दुनिया का एक बार फिर से विश्व गुरु बनेगा, इसके लिए देश के नौजवान भी तैयार हैं। वहीं, प्राचार्य डा. चंद्र मोहन ने कहा कि राष्ट्रहित में अपना जीवन भाई-चारे और ईमानदारी से व्यतीत करना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम समन्वयक डा.शालिनी चंद्रा ने सभी छात्रों की प्रशंसा करते हुए वहां मौजूद सभी का आभार जताया। एनॉटामी के विभागाध्यक्ष डा.राकेश गुप्ता, फिजियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा.शशि कांत वर्मा, बॉयोकेमिस्ट्री के विभागाध्यक्ष डा.बिस्वाजी दास, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तसलीम खान आदि मौजूद रहे।

निबंध और संगोष्ठी का हुआ आयोजन
बीआईयू कॉलेज ऑफ फार्मेसी में निबंध प्रतियोगिता और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। छात्रों ने निबंध प्रतियोगिता के विषय ‘स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष एवं स्वतन्त्रता सेनानियों का योगदान’ पर अपने विचार रखे। इसी क्रम में असिस्टेंट प्रोफेसर अमित कुमार गंगवार, और असिस्टेंट प्रोफेसर अमित गुप्ता ने संगोष्ठी में ‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ एवं ‘दांडी मार्च’ और उसका ब्रिटिश हुकूमत पर प्रभाव पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन शीतल गंगवार एवं मनीष ने किया। कार्यक्रम के समन्वयक असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज कुमार शंखधार और असिस्टेंट प्रोफेसर प्रशांत कुमार शर्मा उपस्थित रहे।

निबंध व सेमीनार का हुआ आयोजन
फैकल्टी ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में निबंध प्रतियोगिता और सेमिनार का आयोजन किया गया। छात्रों ने निबंध प्रतियोगिता के विषय ‘स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष एवं स्वतन्त्रता सेनानियों का योगदान’ पर अपने विचार रखे। इसी क्रम में असिस्टेंट प्रोफेसर डा.शिवांगी शर्मा ने सेमिनार में भी अपने विचार रखे। डॉ.मेघा चौधरी ने आजादी के पहले एवं आजादी के बाद चुनौतियां एवं बदलाव विषय पर प्रकाश डाला| कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर फैकल्टी ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज डॉ.अमन अबरार ने किया।

विश्वविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवकों ने निकाली ‘दांडी यात्रा’
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय एकता शिविर के तीसरे दिन आजादी के अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. संजेश सिंह ने दांडी यात्रा का नेतृत्व कर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया।
डा. संजेश सिंह ने कहा कि आजादी को संरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना का युवा दृढ़ संकल्पित हैं। ऐसे आयोजनों से उनका यह संकल्प और पोषित होता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के राष्ट्रीय एकता शिविर में देश के 13 राज्यों से आए एनएसएस के स्वयंसेवकों ने बरेली के प्रमुख स्थानों यांत्रिक कारखाना पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का भ्रमण कर महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं।
शैक्षिक भ्रमण के दौरान सर्वप्रथम स्वयंसेवियों ने यांत्रिक कारखाना – पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर पहुंच कर छोटे-छोटे पार्ट को मिलाकर रेल के इंजन के निर्माण के बारे में जानकारी प्राप्त की। स्वयंसेवियों ने शिविर के निदेशक डा. अशोक श्रोती, शिविर संयोजक एवं समन्वयक डॉ. सोमपाल सिंह व राहुल सिंह परिहार के निर्देशन में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का भ्रमण कर महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि डॉ. संतोष पांडेय, डॉ. संदीप चहल, डॉ. कनक चौहान, डॉ. आरके रजक,डॉ. अमित विरारी, डॉ. पवन कुमार जौहरी,प्रमोद कुमार, देवेंद्र सिंह परिमार, शमामा अमीर , डॉ तरूण कुमार आदि उपस्थित रहे।

स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े आयोजन हमें स्वर्णिम भविष्य से जोड़ते हैं
रानी अवंतबाई महिला महाविद्यालय में शुक्रवार को भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत ‘राष्ट्रधर्म एवं राष्ट्रवाद’ विषय पर एक सेमिनार और भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की संघर्ष गाथा विषय पर एक निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इसमें छात्राओं ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष करने वाले विभिन्न देश भक्तों जैसे- महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, सरदार भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद आदि के विषय में बताया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाओं 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, जलियांवाला बाग नरसंहार, सविनय अवज्ञा आन्दोलन, अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन, खिलाफत आन्दोलन, चैरा-चैरी आदि के विषय में भी बताया। नेहा मौर्या, आभा गंगवार, नीरज शर्मा, मानसी, सृष्टि श्रीवास्तव, अदिति चैहान, साक्षी मिश्रा, नेहा कश्यप, अनुप्रिया राठौर आदि छात्राओं ने निबन्ध प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। सेमीनार में इतवारी लाल, एसो. प्रो. इतिहास ने बताया कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दांडी मार्च एक महत्वपूर्ण घटना है। जिसने स्वतन्त्रता आन्दोलन में सामान्य जनता की सहभागिता को बढ़ाया।
डा. संजय बरनवाल, एसो. प्रो. राजनीति शास्त्र ने कहा कि ग्लोवलाइजेशन के माहौल में राष्ट्रधर्म एवं राष्ट्रवाद पर चिंतन करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्राचार्या डा. संध्या सक्सेना ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े समस्त कार्यक्रम हमारे युवा पीढ़ी को स्वर्णिम भविष्य से जोड़ने का सबसे सार्थक तरीका हैं।
छात्रा आकृति तिवारी ने कहा कि राष्ट्रवाद वह भावना है जो देश समस्त नागरिकों को सांस्कृतिक एवं सामाजिक रूप से एक करती है। अंशिका भटनागर ने कहा कि जब हम राष्ट्र की बात करते हैं तो राष्ट्र से जुड़े नियम राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर बनाने चाहिए राज्यों के हितों को ध्यान में रखकर नहीं क्योंकि हम सभी एक राज्य के नागरिक नहीं, एक राष्ट्र के नागरिक हैं। कार्यक्रम में हेमलता, सचिन गिहार, डा. रंजू राठौर, पंकज अग्रवाल, प्रवीण कुमार, रविन्द्र कुमार, नेहा गुप्ता, प्रद्युम्न कुमार, प्रीति गोयल आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे।
हमारा प्रयास राष्ट्र कीउन्नति की ओर लक्षित होना चाहिए
बरेली कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्र ईकाई प्रथम, द्वितीय व तृतीय के द्वारा भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आयोजित किये जा रहे समारोहों के क्रम में और दांडी मार्च के प्रारम्भ होने की वर्षगांठ के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डा. विकास शर्मा ने कहा कि हम सभी का प्रत्येक प्रयास एकमात्र राष्ट्र की उन्नति की ओर लक्षित होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा दांडी सत्याग्रह 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से अपने 78 अनुयायियों के साथ प्रारंभ किया गया। जिसकी समाप्ति पर 5 अप्रैल 1930 को दाण्डी तट पर गांधी जी द्वारा समुद्र के पानी से नमक बनाकर अंग्रेजों के नमक कानून को तोड़ा गया।
दाण्डी मार्च का सबसे बड़ा प्रभाव यह रहा कि अंग्रेजी हुकूमत को विवादास्पद नमक कानून वापस लेना पड़ा। इस मार्च के साथ ही सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रारम्भ हुआ जिसका भारतवर्ष को स्वतन्त्रता दिलाने में अमूल्य योगदान रहा। इस संगोष्ठी के अवसर पर एनएसएस के तीनों छात्र इकाईयों के कार्यक्रम अधिकारी डा. राजीव यादव, डा. यशार्थ गौतम, डा. बृजवास कुशवाहा व स्वयंसेवक मौजूद रहे।
