बरेली: लॉकडाउन की आंशका से चावल महंगा- 740 रुपये वाली बोरी अब 825 रुपये में मिल रही
बरेली, अमृत विचार। रात्रि कर्फ्यू लगने के बाद लॉकडाउन की आंशका पर रोजमर्रा में उपयोग होने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ गए। कई दुकानदारों ने तो दुकान व गोदाम में रखा पुराना स्टाक भी नया बताकर महंगे में बेचना शुरू कर दिया है। कारोबारियों की मानें तो रोजमर्रा में शामिल दालों समेत राशन की अन्य …
बरेली, अमृत विचार। रात्रि कर्फ्यू लगने के बाद लॉकडाउन की आंशका पर रोजमर्रा में उपयोग होने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ गए। कई दुकानदारों ने तो दुकान व गोदाम में रखा पुराना स्टाक भी नया बताकर महंगे में बेचना शुरू कर दिया है। कारोबारियों की मानें तो रोजमर्रा में शामिल दालों समेत राशन की अन्य वस्तुओं में 10 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि हो गई है। हार्डवेयर के दामों में भी काफी अंतर देखने को मिला है।
अभी की स्थिति देखें तो चावल-दाल से लेकर रिफाइन तेल तक के दाम में एक महीने में 10 से 20 रुपये तक की वृद्धि देखी गयी है। 10 मार्च को 740 रुपये किलो बिकने वाली चावल की बोरी अब 825 रुपये की हो गई है। बाजार में दाल की कीमत सबसे ज्यादा बढ़ी है। दाल व्यापारी अनिल ने बताया कि स्टाक होना ही काफी नहीं है। अगर आवक कम हुई तो स्टाक पर असर होगा। कोरोना के चलते ट्रासपोर्ट सेवा की कमी ने सप्लाई को सीमित किया है। साथ ही दाल की सबसे बड़ी व्यापार मंडियां राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र पूरी तरह से बंद हैं। इस वजह से बाजार पर प्रेशर बढ़ रहा है।
कपड़ा कारोबारी भी परेशान, नकद पर छूट की तैयारी
कपड़ा कारोबारियों के मुताबिक पिछले साल लॉकडाउन से पहले उन्होंने जो माल उधार में दिया था, उसका पूरा पैसा आज तक नहीं मिल पाया। छोटे कारोबारी तबाह हो गए। लिहाजा उन्हें दिए गए उधार की बमुश्किल आधी-अधूरी वसूल हो पाई। अब फिर वही हालात हावी होने लगे हैं। सहालग और त्योहारों के साथ गर्मी का सीजन शुरू हो चुका है।
लॉकडाउन की आशंका से कारोबारियों को अपने ही गोदामों में करोड़ों का स्टाक खटकने लगा है। ये स्टाक क्लियर नहीं हुआ तो बड़ी रकम फंस जाएगी। उधार दिया तब भी रकम फंसने का डर है। लिहाजा नकद पर खरीदारी करने पर थोक कारोबारी छूट तक देने को तैयार हैं।
कारोबार एक नजर में
किराना की 80 थोक दुकानें हैं। यहां गांवों के लोग भी खरीदी को आते हैं, करीब दो हजार रिटेल काउंटर हैं। जिन पर किराना सामान मिलता है। 10 दिन पहले तक 70 से 80 लाख रुपए का कारोबार हो रहा था। कोरोना के मामले बढ़ने और लाकाउडन की आशंका पर कारोबार एक करोड़ पहुंच गया है।
व्यापारियों में बढ़ रही दहशत
जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उससे व्यापारियों में भी दहशत बढ़ रही है। पिछले साल लॉकडाउन में कारोबार बुरी तरह चौपट हो गया था। कई तरह के सेक्टर तो लगभग पूरी तरह खत्म ही हो गए। अब फिर वही संकट का दौर लौट रहा है। -राजीव, किराना व्यापारी
नुकसान की कल्पना करना तक मुश्किल
नवरात्र और सहालग में इलेक्ट्रानिक समेत सभी तरह का कारोबार सबसे ज्यादा होता है, लेकिन इस बार तो सहालग शुरू होने से पहले ही पाबंदियां लगनी शुरू हो गई हैं। पिछली बार हुए घाटे की थोड़ी बहुत भरपाई तो हो गई थी, लेकिन इस बार होने वाले नुकसान की कल्पना करना तक मुश्किल है। सूर्यकांत मौर्या, कारोबारी
लाकडाउन फिर से लगने की चर्चा से महंगी हुईं वस्तुएं
होलेसेल किराना कमेटी के अध्यक्ष गुलशन सब्बरवाल ने बताया देश में कोरोना की गति बढ़ने से कई शहरों में लॉकडाउन लगाया है तो कहीं नाइट कर्फ्यू लगाया जा रहा है। ऐसे में लोगों में यह आशंका है कि कही लॉकडाउन फिर ना लग जाए। ऐसे में जरूरी वस्तुओं की बिक्री एक बार फिर बढ़ने लगी है।
खाद्य सामग्री भाव (प्रति किलो बाजार भाव)
खाद्यान्न का नाम 26 मार्च 1 अप्रैल 10 अप्रैल
- चावल (उत्तम) 40 45 50
- चावल (मध्यम) 32 35 40
- चावल (सामान्य) 27 30 35
- आटा 25 27 30
- चना दाल 65 70 75
- अरहर दाल 80 85 100
- मसूर दाल 60 70 70
- चीनी 35 40 40
- सोया रिफाइन तेल 105 105 120
