पिथौरागढ़: अब भी सीमांत के अनेक गांवों से संपर्क मार्ग कटा हुआ

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पिथौरागढ़, अमृत विचार। भारी बारिश के कारण टकनपुर- तवाघाट नेशनल हाइवे पर कुलागर नदी में बने ब्रिज के बह जाने के बाद अब भी सीमांत क्षेत्रों के अनेक गांवों का संपर्क सड़क मार्ग से कटा हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग और बीआरओ द्वारा बनाए गए ट्रैक रूट से यात्री जैसे तैसे इधर इधर आवागमन कर …

पिथौरागढ़, अमृत विचार। भारी बारिश के कारण टकनपुर- तवाघाट नेशनल हाइवे पर कुलागर नदी में बने ब्रिज के बह जाने के बाद अब भी सीमांत क्षेत्रों के अनेक गांवों का संपर्क सड़क मार्ग से कटा हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग और बीआरओ द्वारा बनाए गए ट्रैक रूट से यात्री जैसे तैसे इधर इधर आवागमन कर रहे हैं। लेकिन जिले में हो रही बारिश के कारण अब भी लोगों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार की देर रात तेज बारिश के कारण कुलागर नदी पर बना सीमेंट का पुल ध्वस्त होकर बह गया। इस पुल का निर्माण वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद बीआरओ और आपदा प्रबंधन विभाग ने किया था। लेकिन बुधवार को नागने बुग्याल में अतिवृष्टि होने के कारण नदी उफान पर आ गई तो पुल पूरी तरह बह गया। इस पुल के टूटने के बाद से दारमा, व्यास और चौदस घाटियों के अनेक गांवों का संपर्क धारचूला तहसील से पूरी तरह कट गया। धारचूला के एसडीएम एके शुक्ला ने बताया कि फिलहाल बीआरओ द्वारा बनाए गए ट्रैक रूट से इन गांवों तक संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र भारत चीन सीमा के काफी नजदीक है।
वाहनों की आवाजाही के लिए बनेगा वैली ब्रिज 
पिथौरागढ़।  कुलागर नदी में बने पुल के ध्वस्त होने के बाद अब बार्डर से सटी घाटियों में वाहनों की आवाजाही कराना काफी मुश्किल भरा साबित हो रहा है। बीआरओ के अधिकारियों की मानें तो इन क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही के लिए तीन चार दिनों में वैली ब्रिज तैयार कर लिया जाएगा। जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। लेकिन बारिश होने के कारण इस कार्य में भी काफी चुनौतियां सामने आ रही हैं।

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