दिनेशपुर: सूखती फसल को देखकर बोले किसान- “बिन पानी सब सून”
दिनेशपुर, अमृत विचार। किसानों द्वारा वैज्ञानिक तरीके से लगाए अगेती धान की फसल की रोपाई बिना पानी के नष्ट होने की कगार पर है। कई किसानों ने सूखते धान की फसल की जुताई कर नष्ट कर दिया है। उनका कहना है की वर्षा होने पर ही धान की रोपाई करेंगे। जिसमें किसानों को हजारों रुपए …
दिनेशपुर, अमृत विचार। किसानों द्वारा वैज्ञानिक तरीके से लगाए अगेती धान की फसल की रोपाई बिना पानी के नष्ट होने की कगार पर है। कई किसानों ने सूखते धान की फसल की जुताई कर नष्ट कर दिया है। उनका कहना है की वर्षा होने पर ही धान की रोपाई करेंगे। जिसमें किसानों को हजारों रुपए का नुकसान पहुंचा है। किसानों का अनुमान है यदि ऐसा ही रहा तो उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। सिंचाई के विकल्प ना होने से उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं किसानों का कहना है कि अब उनकी फसल सूखने की कगार पर है, यदि बाद में बारिश होती भी है तो फसल सूखने के बाद उसका कोई फायदा नहीं होगा।

मालूम हो कि क्षेत्र में 15 दिन पहले जब लगातार दो दिन बारिश हुई थी तो किसानों को उम्मीद थी कि इस बार फसल अच्छी होगी। मगर उसके बाद वर्षा ना होने के कारण हरीपुरा जलाशय से निकलने वाली भाखड़ा नदी, नदी नाले सूख गए। सिंचाई न होने से खेतों में लगे ऑलटीजन व बौर भी सूखने लगे हैं। इधर, विद्युत कटौती के चलते विद्युत मोटर भी ठप पड़ी है। पानी ना मिलने से लगे धान की फसल के खेतों में दरारें पड़ गई। जिसके चलते ग्राम सभा- खटोला के ग्राम राधाकांतपुर के किसान पंकज सरदार ने बताया कि अगेती धान की फसल 15 दिन पहले लगाई थी, लेकिन अब उनके खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं। इधर, ग्राम सभा जगनपुरी के ग्राम अमृत नगर नंबर- 2 के किसान आनंद महल्दार ने 5 एकड़ धान की फसल लगाई है। वर्षा ना होने से उनके खेत भी सूख रहे हैं। क्षेत्र मे वर्षा न होने से किसान चिंतित हैं। जबकि एक सप्ताह से आसमान में सुबह व शाम बादल छाए रहते हैं, मगर तेज हवा के साथ फिर उड़ जाते हैं।
किसानों ने कहा यदि ऐसा ही रहा तो उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। वहीं सरकार की ओर से भी कोई आर्थिक सहायता की उम्मीद नहीं है।
