मुरादाबाद : गंभीर अपराधों के खुलासे में अहम भूमिका निभाते हैं दमन व रीमा

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मुरादाबाद, अमृत विचार। गंभीर अपराधों के खुलासे में पुलिस का स्वान दल अहम भूमिका निभाता है। पुलिस के खोजी कुत्ते तमाम गंभीर घटनाओं का खुलासा कर चुके हैं। पुलिस के बेड़े में सात खोजी कुत्ते शामिल हैं। इनका इस्तेमाल ऐसी घटनाओं के खुलासे के लिए किया जाता है, जिनका कोई सिरा पुलिस के हाथ नहीं …

मुरादाबाद, अमृत विचार। गंभीर अपराधों के खुलासे में पुलिस का स्वान दल अहम भूमिका निभाता है। पुलिस के खोजी कुत्ते तमाम गंभीर घटनाओं का खुलासा कर चुके हैं। पुलिस के बेड़े में सात खोजी कुत्ते शामिल हैं। इनका इस्तेमाल ऐसी घटनाओं के खुलासे के लिए किया जाता है, जिनका कोई सिरा पुलिस के हाथ नहीं आ पता। वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा में भी स्वान दल पूरी तत्परता से काम करता है। जनपद पुलिस के खोजी कुत्ते हाल ही में वीवीआईपी के साथ कानपुर भी जा चुके हैं।

लूट, डकैती, हत्या जैसे गंभीर अपराध कई बार पुलिस ने पहेली बन जाते हैं। समझ में ही नहीं आता कि घटना को किसने अंजाम दिया है। ऐसे में पुलिस का स्वान दल काम करता है। अपराधियों की गंध सूंघकर स्वान दल में शामिल कुत्ते मिनटों में आरोपी तक पहुंच जाते हैं। ऐसे ही गंभीर अपराधों के खुलासे के लिए जनपद पुलिस के पास सात खोजी कुत्ते हैं। इन खोजी कुत्तों ने कई गंभीर अपराधों का मिनटों में और सटीक खुलासा किया है। गंध सूंघकर इन खोजी कुत्तों ने कुछ ही देर में आरोपियों को पहचान लिया।

दमन ने किया था डबल मर्डर का खुलासा
नागफनी थानाक्षेत्र में पिछले साल प्रापर्टी डीलर नजारत हुसैन और उनकी बेटी समरीन की हत्या कर दी गई थी। पुलिस घर की भौगोलिक स्थिति से यह तो समझ गई थी कि हत्यारा उनके घर से भलीभांति वाकिफ था। तत्कालीन आईजी रमित शर्मा और एसएसपी प्रभाकर चौधरी भी यह जानने में लगे रहे थे कि प्रापर्टी डीलर के कमरे तक किस रास्ते से पहुंचा जा सकता है।

पुलिस को संदेह था कि दो लोगों की हत्या करने वाले कातिल के दामन पर खून के दाग अवश्य होंगे। जब खुलासे का कोई रास्ता अफसरों की समझ में नहीं आया तब डॉग स्क्वायड की मदद ली गई। पुलिस लाइन से हेडकांस्टेबल राहुल तोमर और सुभाष सिंह को खोजी कुत्ते दमन के साथ बुलाया गया। खून से लथपथ कमरे का निरीक्षण करने के बाद दमन एक बड़ी दीवार के पास आकर रुक गया। वहां से आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता पड़ोस की छत ही थी। पुलिस अफसरों के शक को दमन ने और पुख्ता कर दिया। इसके बाद ही पुलिस असली कातिल तक पहुंच सकी थी।

रीमा ने खोज निकाली थी खोपड़ी
करीब दो साल पूर्व रीमा ने कुंदरकी थानाक्षेत्र में युवक की खोपड़ी बरामद की थी। लक्ष्मण नामक युवक की तंत्रमंत्र के चलते सिर काटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को उसका धड़ तो बरामद हो गया था मगर सिर नहीं मिल पा रहा था। तब पुलिस के खोजी कुत्ते रीमा का सहारा लिया गया।

रीमा को धड़ की गंध सुंघाकर छोड़ा गया तो वह कुछ दूर जाकर रुक गई और पैरों से जमीन खोदने लगी। पुलिस ने वहां खुदाई कराई तो लक्ष्मण का सिर भी बरामद हो गया। बाद में इस मामले के कातिलों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। हत्यारोपियों ने बताया था कि उन्होंने एक तांत्रिक से मानव खोपड़ी का सौदा किया था। उन्हें यह खोपड़ी दिल्ली के तांत्रिक को पहुंचानी थी। पुलिस ने बाद में तांत्रिक को भी गिरफ्तार कर लिया था।

एलिस ने पकड़ा था हत्यारोपी तहेरे भाई को
कुंदरकी थानाक्षेत्र के ढकिया जुम्मा निवासी युवक की पांच नवंबर 2020 को उसके तहेरे भाई ने ही हत्या कर दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस को शक हो गया था कि हत्यारा घर में ही छिपा है, मगर स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि कातिल कौन है। इस पर खोजी कुत्ते एलिस का सहारा लिया गया। एलिस ने भीड़ में मौजूद मृतक के तहेरे भाई को पहचान लिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने हत्या की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली थी।

चार सौ रुपये की होती है एक दिन की खुराक
जनपद पुलिस के बेड़े में शामिल खोजी कुत्ते की एक दिन की खुराक पर चार सौ रुपये खर्च किए जाते हैं। प्रत्येक कुत्ते को सुबह के समय 600 ग्राम दूध, दो रोटी और दो अंडे दिए जाते हैं। इसके अलावा मौसमी हरी सब्जी भी दी जाती है। शाम की खुराक में 600 ग्राम मटन, हरी सब्जी और दो रोटी प्रत्येक कुत्ते को दी जाती है।

इतने कुत्ते हैं जनपद पुलिस के पास
नाम–        नस्ल –                  काम –        हैंडलर
दमन –     लेब्राडोर-              ट्रैकिंग –      राहुल तोमर
एलिस –    जर्मन शैफर्ड-        ट्रैकिंग –     अंकित -राणा
रीमा –      लेब्राडोर-              ट्रैकिंग-       कमल -सिंह
उक्कम –  डाबरमैन –            वीआईपी –  अंकित विश्नोई
मार्शल-    लेब्राडोर –             वीआईपी –  आलोक कुमार
रॉय –       लेब्राडोर –             बीडीएस –   लोकेश
कोको-    लेब्राडोर –              बीडीएस –   प्रवीण कुमार

पंचकूला व टेकनपुर में दिया जाता है प्रशिक्षण
हैंडलर राहुल तोमर ने बताया कि पुलिस के खोजी कुत्तों का प्रशिक्षण हरियाणा के पंचकूला स्थित भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) सेंटर में होता है। ट्रैकर का प्रशिक्षण नौ महीने का होता है जबकि एएस चैक का प्रशिक्षण छह माह में पूरा होता है। वीआईपी के आगमन पर इस्तेमाल होने वाले मार्शल और उक्कम का प्रशिक्षण मध्यप्रदेश के टेकनपुर स्थित बीएसएफ सेंटर में हुआ था। दमन और एलिस को प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2019 में ही पुलिस के बेड़े में शामिल किया गया था।

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