बरेली: उफनाती रामगंगा नदी में बहकर आया महिला का शव

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर में रामगंगा नदी में भी कई शव बहते हुए देखे गए थे। तीन शवों को पुलिस ने बाहर निकालकर उनका अंतिम संस्कार कराया था। इसको लेकर राज्य सरकार को घेरते हुए विपक्षी दलों ने खूब हमला बोला था। उस मंजर को लोग अभी भूले नहीं हैं कि फिर …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर में रामगंगा नदी में भी कई शव बहते हुए देखे गए थे। तीन शवों को पुलिस ने बाहर निकालकर उनका अंतिम संस्कार कराया था। इसको लेकर राज्य सरकार को घेरते हुए विपक्षी दलों ने खूब हमला बोला था। उस मंजर को लोग अभी भूले नहीं हैं कि फिर रामगंगा में शव बहते हुए देखा गया।

शुक्रवार की दोपहर चौबारी के पास रामगंगा में बहकर आए महिला का शव लोगों ने देखा। पानी ज्यादा होने से शव बहते हुए बैराज की तरफ चला गया। शव देखने वाले लोग डर गए। तीन दिन लगातार बारिश होने से रामगंगा नदी का जलस्तर 158 मीटर से बढ़कर करीब 161 मीटर तक पहुंच गया है। पानी घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है। रामगंगा किनारे सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को मोटा नुकसान हुआ है।

उनकी फसल बह गयी। मिट्टी का कटान भी शुरू हो गया है। इससे नदी के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन को भी खतरा बढ़ गया है। मीरगंज क्षेत्र के कई गांव रामगंगा की चपेट में कभी भी आ सकते हैं। पानी नजदीक तक दस्तक दे चुका है। जलकुंभी समेत अन्य चीजें बहकर आ रही हैं। राजस्व टीमों ने ग्रामीणों को दिन-रात सक्रिय रहने को कहा है।

राम गंगा में चल रहे कटान के चलते बढ़ा जल स्तर

चौबारी में रेलवे पुल को खतरा देख रेलवे भी चिंतित
चौबारी स्थित रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर अंग्रेजों के समय में बनाए गए रेलवे पुल को खतरा बढ़ गया है। बाढ़ खंड विभाग के पैरामीटर के अनुसार 163 मीटर तक जलस्तर पहुंचा तो पुल को खतरा शुरू हो जाएगा। जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर नीचे है। बताते हैं कि 163 मीटर तक जलस्तर पहुंचने पर ट्रेनों को कॉशन देकर गुजारा जाएगा। पिलरों को खतरा देख रेलवे भी चिंतित हो गया है।

किच्छा नदी काट रही मिट्टी, धर्मपुरा के 12 मकानों को खतरा बढ़ा
देहात 20 व 21
किच्छा नदी के किनारे बसा धर्मपुरा गांव खतरे के मुहाने पर है। लगातार बारिश होने से किच्छा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे पानी ने धर्मपुरा गांव के पास मिट्टी का कटाव शुरू कर दिया है। नदी के किनारे बने घरों को गिरने का खतरा बढ़ गया है। पानी की स्पीड देखकर ग्रामीण घबराने लगे हैं। नदी के किनारे रहने वाले निजावत खां, नईम खान, रिफाकत खान, फहीम खान, हिददन खां आदि लोगों के खेतों का कटान हो रहा है। ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कहीं उनके घर न ढह जाएं। धर्मपुरा गांव की आबादी 6000 है। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा नदी किनारे घर बने हैं। धर्मपुरा गांव के ग्राम प्रधान शरीफ खान ने बताया कि इसकी शिकायत प्रशासन को कई बार की लेकिन ने प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

प्रशासन सक्रिय, अधिकारियों को अलर्ट भिजवाया
रामगंगा व किच्छा नदी का जलस्तर बढ़ने पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय ने सभी एसडीएम को अलर्ट भिजवाया है। अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ की आशंका के मद्देनजर नदियों किनारे गांवों को खतरा देख प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। बाढ़ चौकियों पर तैनात स्टाफ को ग्रामीणों से संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

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