डॉ. काव्य सौरभ रस्तोगी

चुनावी मुद्दा : कभी ‘नेताजी’की झलक पाने को उमड़ते थे लोग

अविक ठाकुर/अमृत विचार। अस्सी के दशक में नेताओं की झलक पाने के लिए हर कोई बेताब रहता था। तब चुनावी जनसभाओं में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ता था। चाहे सड़क हो या फिर खाली मैदान। सब भरे नजर आते थे। कोई इंदिरा गांधी तो कोई अटल बिहारी वाजपेयी को सुनने के लिए रात से ही …
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