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अब कम दिखाई देती हैं 'बया की कालोनी', हरियाली की कमी से चिड़ियों के अस्तित्व पर संकट, इंसान की फितरत से परिंदों ने बदला ठिकाना

सीतापुर, अमृत विचार। जमाना बढ़ के वही पेड़ काट देता है, मैं जिसकी शाख पे इक घोंसला बनाता हूं। यह दर्द है उन बेजुबान पक्षियों का, जिन्हें अब अपना आशियाना बनाने के लिए सुरक्षित हरे-भरे पेड़ ढूंढे नहीं मिल रहे...
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आगरा: आई लव स्पैरो बोलकर बनाएं घर पर घोंसले, विश्व गौरैया दिवस पर लांच हुई 2022 की थीम

आगरा। कई साल पहले घरों की मुंडेर और कोटरों में गौरैया की चहकने की आवाज सुनाई पड़ती थी, लेकिन आज घरों में उसके रहने की जगह नहीं बची है। गौरैया को बचाने के लिए इको रूट्स फाउंडेशन लगातार प्रयास कर रहा है और लोगों को जागरूक करा रहा है। इस बार सरकार के साथ मिलकर …
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