टनकपुर: इंटर पास छात्राओं के साथ नाइंसाफी…चार साल बाद भी नहीं मिला कन्या धन योजना का लाभ

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देवेन्द्र चन्द देवा, टनकपुर। वर्ष 2016 तक इंटर पास छात्राओं को कन्या धन की रकम मिली और 2018 से भी इन छात्राओं को ये राशि मिल रही है, लेकिन 2017 में इंटर कर चुकीं छात्राएं इस योजना के लाभ से वंचित हैं। चार साल बाद भी उन्हें न तो ये रकम मिली है और नहीं …

देवेन्द्र चन्द देवा, टनकपुर। वर्ष 2016 तक इंटर पास छात्राओं को कन्या धन की रकम मिली और 2018 से भी इन छात्राओं को ये राशि मिल रही है, लेकिन 2017 में इंटर कर चुकीं छात्राएं इस योजना के लाभ से वंचित हैं। चार साल बाद भी उन्हें न तो ये रकम मिली है और नहीं आगे कोई खास उम्मीद है। सरकार की इस अनदेखी से न केेवल बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम भी कटघरे में है बल्कि इन हजारों छात्राओं के साथ भी नाइंसाफी है।

2017 में इंटर कर चुकीं चम्पावत जिले की 1505 छात्राओं को गौरा देवी कन्या धन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पढ़ाई को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना केे तहत हर छात्रा को 50 हजार रुपया दिया जाता है। ये छात्राएं अनेकों बार इसे लेकर प्रशासन के चक्कर भी काट चुकी हैं। इंटर कर चुकीं उत्तराखंड की छात्राओं को ये रकम नहीं मिलने की वजह कन्या धन की योजना में बदलाव से संबंधित शासनादेश में त्रुटि है। ऐसे में चम्पावत जिले की ही 1505 छात्राओं की उम्मीदों को झटका लग गया है।

इन छात्राओं का कहना है कि योजना के तहत मिलने वाली 50 हजार रुपये की राशि को पाने के लिए वे कई बार विभाग से लेकर प्रशासन के चक्कर काट चुकी हैं। मगर धन मिलना तो दूर, उन्हें सही जानकारी तक देने वाला कोई नहीं है। छात्राओं का आरोप है कि जन प्रतिनिधियों के स्तर से भी उनके मामलों को गंभीरता से नहीं उठाया गया।

इसलिए नहीं मिला योजना का लाभ
टनकपुर। प्रदेश सरकार ने जुलाई 2017 में कन्या धन योजना को नंदा देवी योजना में एकीकृत कर नंदा गौरा योजना में बदल इसके संचालन की जिम्मेदारी कार्यक्रम विभाग को दी। कार्यक्रम विभाग के पास नई योजना के संचालन की जिम्मेदारी पहली जुलाई 2017 से है। जबकि इससे पूर्व 31 मार्च 2017 तक नंदा देवी योजना का संचालन समाज कल्याण विभाग करती थी। लेकिन पहली अप्रैल से 30 जून तक की अवधि में इस योजना का कोई खैरख्वाह नहीं रहा। और 2017 में छात्राओं ने मई में परीक्षा पास की।

क्या कहती हैं नंदा गौरा कन्या योजना से वंचित छात्राएं

उनसे पूर्व की छात्राओं और बाद की छात्राओं को योजना का लाभ मिला है, लेकिन उनके साथ ये नाइंसाफी ठीक नहीं है। इस योजना से वंचित सभी छात्राओं को हक मिलना चाहिए।
-प्रिया मुरारी, टनकपुर।

योजना में किए गए बदलाव के वक्त 2017 में इंटर पास करने वाली छात्राओं के हित को नजरंदाज किया गया है। जो न्याय संगत बात नहीं है। सरकार को इस ओर शीघ्र ध्यान देना चाहिए।
-संध्या चतुर्वेदी, लोहाघाट।

छात्राओं को पढ़ाई को प्रेरित करने के लिए संचालित इस योजना का लाभ नहीं दिया जाने से वे मायूस हैं। अविलंबर ये रकम दी जाए। इसमें आ रही खामियों को शीघ्र समझाने की जरूरत है।

-अनुसूइया तलनियां, लोहाघाट।

2017 में प्रोत्साहन राशि न मिलना सरासर नाइंसाफी है। इससे छात्राओं का मनोबल गिरा है। उन्हें ये रकम दी जानी चाहिए। कई बार प्रयास किए जाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है।
तनुजा बड़ेला, चम्पावत।

2017 में इंटर पास करने वाली छात्राओं को गौरा देवी योजना का लाभ नहीं मिलने के मामले को वीडियो कांफ्रेंसिंग में उठाने के अलावा कई बार शासन को पत्र भेजा गया है। अलबत्ता अभी तक न बजट आया है और नहीं इस संबंध में कोई निर्देश प्राप्त हुए है।
-विनीत तोमर, 
जिलाधिकारी, चम्पावत।

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