हल्द्वानी: पानी की आस में ईई दफ्तर के बाहर घंटों बैठे रहे तिलकनगर के लोग, आश्वासन तक नहीं मिला
हल्द्वानी, अमृत विचार। पिछले चार महीनों से पानी की एक-एक बूंद के लिए परेशान लालडांठ स्थित तिलकनगर फेस वन कॉलोनी के दर्जनों परिवारों को ईई दफ्तर पहुंचकर भी समाधान नहीं मिला। सोमवार सुबह कॉलोनी के लोग तिकोनिया स्थित जल संस्थान के दफ्तर पहुंचे ही थे कि तभी अधिशासी अभियंता अपनी सरकारी गाड़ी में बैठकर चलते बने। …
हल्द्वानी, अमृत विचार। पिछले चार महीनों से पानी की एक-एक बूंद के लिए परेशान लालडांठ स्थित तिलकनगर फेस वन कॉलोनी के दर्जनों परिवारों को ईई दफ्तर पहुंचकर भी समाधान नहीं मिला। सोमवार सुबह कॉलोनी के लोग तिकोनिया स्थित जल संस्थान के दफ्तर पहुंचे ही थे कि तभी अधिशासी अभियंता अपनी सरकारी गाड़ी में बैठकर चलते बने।
इसके बाद करीब दो घंटे तक कॉलोनी के लोग ईई का इंतजार करते रहे, कई बार ईई के सरकारी नंबर पर फोन भी किया लेकिन संतोषजनक जवाब देना तो दूर ईई ने लोगों की परेशानी जानना भी जरुरी नहीं समझा। आखिरकार अधिशासी अभियंता की कार्यशैली से नाराज लोगों ने दफ्तर परिसर में नारेबाजी कर विरोध जताया।

गुस्साए लोगों ने कहा कि हर महीने बिल चुकाने के बाद भी पानी के लिए तरसना पड़ता है। बरसात के चार महीनों के अलावा साल भर पानी के जूझना पड़ता है। प्राइवेट टैंकरों से पानी खरीदने को मजबूर हैं लेकिन जल संस्थान के अधिकारियों को कोई फर्क ही नहीं पड़ता। लोगों ने जल संस्थान के निरंकुश अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मामले में ईई एसके श्रीवास्तव से जानकारी लेनी चाही लेकिन हमेशा की तरह उनका फोन नहीं उठा। इस मौके पर पार्षद दीपक बिष्ट, शरद चंद्र कांडपाल, जयनंदन सिंह अधिकारी, प्रेमबल्लभ उप्रेती, दीवान सिंह कंडारी, भुवन सिंह बिष्ट, सुरेश चंद्र पाठक, पंकज उप्रेती, सौरभ अधिकारी, राहुल मेहता आदि मौजूद रहे।
पानी के शिकायती रजिस्टर को दोमंजिले में पहुंचा दिया
पिछले कई वर्षों से ईई दफ्तर के बाहर एक शिकायती रजिस्टर रखा जाता है। जिस पर लोग पानी और सीवर से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराते हैं। लेकिन अब यह शिकायती रजिस्टर दफ्तर की दूसरी मंजिल पर पहुंचा दिया गया है। ऐसे में पानी की शिकायत लेकर आने वाले बुजुर्गों और महिलाओं को सीढ़ी चढ़ने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार पुरानी जगह पर रजिस्टर न पाकर लोग बैरंग लौट जाते हैं।
महिलाओं की पीड़ा भी सुन लो ईई साहब !
कॉलोनी में सालभर पेयजल की परेशानी बनी रहती है। प्राइवेट टैंकर मंगाने पड़ते हैं। जल संस्थान के अधिकारियों को जनता की तकलीफों से कोई मतलब ही नहीं है। शासन- प्रशासन को निकम्मे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। – ललिता मठपाल, गृहिणी
कॉलोनी में साल भर पानी का लिए हाहाकार मचा रहता है। ऐसा नहीं है कि यह बात जल संस्थान के जेई से लेकर ईई तक को पता न हो। लेकिन अफसर अपने निकम्मेपन को कभी रकसिया नाले तो कभी एयर लॉक का नाम देकर छुपा जाते हैं। बिल चुकाने के बाद पानी के लिए तरसना पड़ता है। – देवकी देवी, गृहिणी
बरसात के चार महीनों में पानी की एक- एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है। जिससे घर का कामकाज प्रभावित होता है। परेशानी बताने के लिए जब अधिशासी अभियंता को फोन करो तो वह फोन तक नहीं उठाते। बेलगाम अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। – दीपा देवी, गृहिणी
ईई के चक्कर में छुट्टी हो गई बेकार
सिडकुल की एक कंपनी में नौकरी करने वाले तिलकनगर कॉलोनी फेस वन के निवासी नवीन चंद्र गिरी ने बताया कि आज ईई से मिलने खासतौर पर कंपनी से छुट्टी ली थी। सोचा था मिलकर परेशानी बताएंगे, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी ईई से मुलाकात नहीं हुई। लगता है ईई को जनता की परेशानी से कोई लेना देना ही नहीं है। सरकार को लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
