पीएम मोदी की रैली में गईं बसें, अयोध्या में यात्री दिखे बेबस
अयोध्या। पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर में प्रधानमंत्री की रैली का खासा असर अयोध्या जिले की यातायात व्यवस्था और कार्तिक पूर्णिमा मेले पर पड़ा है। पीएम की रैली में जिले से भीड़ ले जाने के लिए लगभग 160 सरकारी बसें लगाई गईं और यहां परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा के नाते अयोध्या आने-जाने वाले श्रद्धालु बेबस हो गए। …
अयोध्या। पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर में प्रधानमंत्री की रैली का खासा असर अयोध्या जिले की यातायात व्यवस्था और कार्तिक पूर्णिमा मेले पर पड़ा है। पीएम की रैली में जिले से भीड़ ले जाने के लिए लगभग 160 सरकारी बसें लगाई गईं और यहां परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा के नाते अयोध्या आने-जाने वाले श्रद्धालु बेबस हो गए। एक-एक बसों पर रैली में लोगों को ले जाने के लिए चालक-परिचालक के अलावा लेखपाल, पंचायत सेक्रेटरी व संग्रह अमीनों सहित अन्य सरकारी कर्मियों की बाकायदा ड्यूटी लगाई गई थी।
सुल्तानपुर में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए अयोध्या डिपो की 40 व अन्य जिलों के डिपो से लगभग 160 बसें मंगाई गई थीं। कुल दो सौ बसें सोमवार की रात शहर के जीआईसी मैदान, सोहावल के आरडी इंटर कॉलेज व अन्य विधानसभाओं में पहुंच गई थीं। जनपद के पांचों विधानसभाओं में लगभग 40-40 बसें प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ एकत्रित करने के लिए लगाई गई थीं।
प्रत्येक बस में दो-दो ड्राइवर, एक कंडक्टर को तैनात किया गया था। साथ ही सरकारी कर्मचारियों, लेखपाल, पंचायत सेक्रेटरी, संगह अमीनों की भी इनमें ड्यूटी लगाई गई थी। सुबह 9 बजे तक बसों में लोगों को बैठा लिया गया था। ग्रामीणों के नाश्ते का भी प्रबंध किया गया था, लेकिन लंच कार्यक्रम स्थल पर ही मिलना था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में भारी भीड़ तय करने की जिम्मेदारी यूं तो भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की होनी चाहिए, लेकिन इस बार वे आराम में दिखे।

32 लेखपालों व 8 संग्रह अमीनों को मिला था अयोध्या विस का जिम्मा
अयोध्या विधानसभा की बात करें तो यहां भी 40 बसें लगाई गई थीं। 32 बसों में एक-एक लेखपालों और 8 बसों में एक-एक संग्रह अमीन को बसों में लोगों को गिनती से बैठाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अयोध्या विधानसभा के पूरा ब्लॉक में 20 बसें, मसौधा में 5, मया में 10 और शहर में 5 बस लगाई गई थी। प्रत्येक बसों में 50-50 लोगों को बैठाने के निर्देश दिए गए थे। ये बसें एक दिन पहले जीआईसी मैदान में एकत्रित हो गई थीं। रात बीत ही रही थी कि बसें अपने निर्धारित ब्लॉकों में पहुंच गर्इं।
भटकते रहे यात्री, सीट को लेकर धक्का-मुक्की
प्रधानमंत्री के सुल्तानपुर वाले कार्यक्रम में बसों के जाने से यात्री काफी परेशान हुए। पंचकोसी परिक्रमा के समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं ने जब अपने गृह जनपद को जाने के लिए बस अड्डे की तरफ रुख किया तो वहां बसों का टोटा दिखा। अपने परिवारजनों व सामान के साथ परिक्रमार्थी व अन्य यात्री घंटों बस का इंतजार करते देखे गए। यही नहीं कई तो बस अड्डे से हाईवे की तरफ दौड़ लगाते हुए भी देखे गए। लोग जैसे-तैसे अपने घरों को रवाना हुए। मैजिक, टेंपो व ट्रक जो भी मिला लटकते हुए और सरकार व प्रशासन को कोसते हुए गए।
यह भी पढ़ें:-यूपी में आधुनिक होती सुविधाओं का प्रतिबिंब है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे: पीएम मोदी
परिक्रमा करने के लिए यहां गोंडा, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर व कानपुर आदि जगहों से श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन जाने में उनके पसीने छूट गए। उन्नाव की नेहा अपने परिवार के साथ यहां परिक्रमा करने आई थीं। उन्होंने कहा 6 घंटे बीत जाने के बाद भी हमें जब बस नहीं मिली तो एक प्राइवेट वाहन बुक कराकर जाना पड़ा। गोंडा निवासी राधेश्याम ने कहा कि मेले को देखते हुए प्रशासन को बसों का इंतजाम करना चाहिए था। कई जगह तो बसों में सीट को लेकर धक्का-मुक्की भी हुई।
