बरेली: तीन बार बदला अस्पताल का नाम, अब खुल गया डेंटल हॉस्पिटल

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बरेली, अमृत विचार। फर्जी डिग्री बनाकर चल रहे अस्पातल की जांच महीनों पहले पूरी हो गई थी लेकिन पुलिस उनपर कार्रवाई करने से बच रही थी। इस बीच आरोपी डाक्टर अस्पताल का नाम बदल-बदलकर अपना काम चलाते रहे। शिकायतकर्ता ने जब इसकी शिकायत आईजी से की तो उन्होंने इस मामले में जांच बैठा दी है। …

बरेली, अमृत विचार। फर्जी डिग्री बनाकर चल रहे अस्पातल की जांच महीनों पहले पूरी हो गई थी लेकिन पुलिस उनपर कार्रवाई करने से बच रही थी। इस बीच आरोपी डाक्टर अस्पताल का नाम बदल-बदलकर अपना काम चलाते रहे। शिकायतकर्ता ने जब इसकी शिकायत आईजी से की तो उन्होंने इस मामले में जांच बैठा दी है। वहीं रिपोर्ट दर्ज करने के बाद से आरोपी फरार हो गए हैं।

इज्जतनगर के कर्मचारी नगर स्थित गली नंबर तीन निवासी सूर्य कुमार अग्निहोत्री ने 26 जून को आईजी से शिकायत की थी बदायूं रोड पर चल रहा अपना हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर फर्जीबाड़ा कर चलाया जा रहा है। वहां तैनात डाक्टर की डिग्रियां फर्जी हैं। वहां तैनात डाक्टर शैलेंद्र पांडेय, डाक्टर आशीष शर्मा और उसके पिता सुरेश चंद्र की डिग्रियों की जांच कराई जाए।

आईजी ने सीओ सेकेंड आशीष प्रताप सिंह को मामले की जांच सौंपी थी। इसके बाद सीओ ऑफिस से सीएमओ को पत्र लिखकर इसकी जानकारी मांगी गई। सीएमओ कार्यालय ने अपनी जांच में आरोप सही पाते हुए 8 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सीओ कार्यालय भेज दी। सीएमओ ने रिपोर्ट में लिखित रूप से बताया था कि डाक्टर शैलेंद्र पांडेय के द्वारा उपयोग में लाई जा रही मुहर और उनका रजिस्ट्रेशन नंबर मेडिकल काउंसिल भेजा गया तो पता चला की वहां पर उनका कोई रिकार्ड नहीं मिला।

पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई न करते हुए सीएमओ की रिपोर्ट को ही छुपा दिया। इसके बाद पीड़ित सूर्य कुमार अग्निहोत्री कोई कार्रवाई न होने पर सीएमओ की रिपोर्ट लेकर एसएसपी के पास पहुंचे। जिसके बाद एसएसपी ने गुरुवार को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। जब इसकी जानकारी आईजी रमित शर्मा को हुई तो उन्होंने इस मामले में जांच बैठा दी है।

मंत्री ने किया था अस्पताल का उद्घाटन
फर्जी अस्पताल का उद्घाटन एक दूसरे जिले मंत्री ने किया था। 19 अक्टूबर 2020 को अस्पताल का उद्घाटन किया गया था। अब मंत्री के साथ फर्जी डाक्टर की तस्वीर वायरल हो रही है। जांच में पता चला है कि आरोपी डाक्टर दो नामों से जाना जाता था और दोनों नामों में उसके सर नेम अलग-अलग थे।

तीन बार बदले गए नाम
फर्जी डाक्टर ने बदायूं रोड पर सबसे पहले नीलकंड हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर के नाम से अस्पताल खोला। बाद में जब उसकी शिकायत हुई तो उसने शिवांश नाम से अस्पताल खोल लिया। इस बीच जब फिर से उसकी शिकायत हुई तो उसने अपना हास्पिटल व ट्रामा सेंटर के नाम से अस्पताल खोल लिया। अब वहां पर एक डेंटल अस्पताल चल रहा है।

बीएचएमएस डाक्टर कराती थी डिलीवरी
अस्पताल के पर्चे पर छह डाक्टरों के नाम लिखे हैं। इनमें बीएचएमएस डाक्टर को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताया गया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि यही डाक्टर वहां पर डिलीवरी कराती थी। इसके साथ ही सभी फर्जी डाक्टरों ने अपने नाम के आगे एमडी लिख लिया था।

सीएमओ की जांच रिपोर्ट इतने समय तक कैसे छुपी रही इसकी जानकारी निकालने के लिए मामले की जांच कराई जा रही है। अगर किसी को दोष पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -रमित शर्मा, आईजी

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