मुरादाबाद : हर पांच किलोमीटर पर इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए बनेंगे प्वाइंट, आठ मार्गों पर चलेंगी 25 बसें
मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की तैयारियां तेज हो गई हैं। शासन से 25 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की अनुमति मिलने के बाद रूट तय किया जा रहा है। इन बसों की चार्जिंग के लिए नगर निगम द्वारा हर पांच किलोमीटर की दूरी पर …
मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की तैयारियां तेज हो गई हैं। शासन से 25 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की अनुमति मिलने के बाद रूट तय किया जा रहा है। इन बसों की चार्जिंग के लिए नगर निगम द्वारा हर पांच किलोमीटर की दूरी पर प्वाइंट बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
महानगर के आठ मार्गों पर इसी माह से इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी है। जिसमें से हाईवे पर पाकबड़ा जीरो प्वाइंट से कटघर थाना क्षेत्र के जीरो प्वाइंट व कांठ रोड का रूट तय कर लिया गया है। कांठ रोड पर कासमास से बसों का संचालन होगा, यह बसें रामपुर दोराहा तक जाएंगी। जबकि शहर के अंदर के मार्गों का रूट अभी तय नहीं हो सका है।
काफी समय पहले महानगर में सिटी बसों का संचालन किया जाता था। हालांकि वक्त के साथ सिटी बसों के स्थान पर विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा ने कब्जा कर लिया। मौजूदा समय में महानगर की सड़कों पर ऑटो व ई-रिक्शा दौड़ने के कारण जहां ट्रैफिक रश बढ़ गया है तो वहीं प्रदूषण का भी खतरा बढ़ रहा है। यही वजह है कि हर साल सर्दियों में जबरदस्त एक्यूआई बढ़ने के कारण वायुमंडल प्रभावित होता है।
शासन से मिली है 25 इलेक्ट्रिक बसों की मंजूरी : महानगर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने और प्रदूषण मुक्त करने के लिए महानगर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए निगम द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। तीन माह पहले शासन ने मुरादाबाद समेत 12 महानगरों में बसों के संचालन की अनुमति दे दी थी। जिसके तहत मुरादाबाद में 25 बसें शासन द्वारा भेजी जाएंगी। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद गागन वाली मैनाठेर व रोडवेज कार्यालय के पास निगम ने अपने चार्जिंग प्वाइंट बनवा दिए हैं। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि एक बार चार्ज होने पर बस 120 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है।
नगर आयुक्त संजय चौहान ने बताया कि हर पांच किलोमीटर पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने की तैयारी कर ली गई है। अधिकतर चार्जिंग प्वाइंट सोलर से संचालित होंगे। इसके लिए जमीन का चिह्नीकरण शुरू कर दिया गया है।
